मानसून में बच्चों की बीमारियों में हुआ इजाफा, अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़

मानसून के मौसम में जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में बच्चों की बीमारियों में भारी इजाफा हुआ है. पीडियाट्रिक OPD में 30 से 40% तक की बढ़ोतरी देखी गई है. अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी और इमरजेंसी में स्टाफ की संख्या बढ़ा दी है.

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Rajasthan News: मानसून की बारिश के बाद अब मौसमी बीमारी बच्चों को भी अपने चपेट में ले रही है. जोधपुर संभाग के सबसे बड़े प्रसूति और जानना उम्मेद अस्पताल में भी इन दिनों सामान्य दिनों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत बच्चों की पीडियाट्रिक ओपीडी में बढ़ोतरी हुई है. जहां अब अस्पताल प्रशासन भी लगातार OPD में हो रही मरीजों की बढ़ोतरी के चलते अलर्ट मोड पर हैं. अब अस्पताल प्रशासन के द्वारा भी ओपीडी और इमरजेंसी के समय स्टाफ की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है.

एनडीटीवी की टीम संभाग के सबसे बड़े उम्मेद अस्पताल में पहुंची. जहां पीडियाट्रिक डॉक्टर संदीप चौधरी ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए बताया कि निश्चित रूप से इस बार सामान्य दिनों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत बच्चों की ओपीडी में बढ़ोतरी हुई है.

मच्छर से होने वाली बीमारियों का बढ़ा प्रकोप 

मानसून सीजन में बारिश के बाद मुख्यत: 2 वहज होती हैं, जिसके कारण बच्चों में डिजीज बढ़ती है. पहला जलभराव की वजह से जिसके द्वारा वेक्टर बोर्न डिजीज जिसमें मच्छर जनित बीमारियां होती है, जिसमें आमतौर पर मलेरिया और डेंगू फीवर होता है.

इसके अलावा दूषित पानी की सप्लाई भी एक बड़ी समस्या होती है जो इन बीमारियों को भी जन्म देती है. जिसमें आमतौर पर दस्त,उल्टी, पेट दर्द, पेचिस और टाइफाइड जैसे रोग शामिल हैं.

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इस अस्पताल में भी दिनों-दिन OPD की संख्या भी बढ़ रही है. इसकी 2 वजहें सामने आ रही हैं. बच्चों में इन बीमारियों के बढ़ने और इसके रोकथाम के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए.

दूषित पानी को रोकने के उपाय

मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए लोगों को अपने आसपास पानी को इकट्ठा नहीं होना देना चाहिए, जिससे मच्छरों को पनकने के लिए जगह भी नहीं मिलेगी. जहां पानी इखट्टा है वहां मच्छरों को रोकने वाली दवाई का उपयोग करें. जिससे मच्छर जनित रोग डेंगू और मलेरिया को रोका जा सके. इसके अलावा दूषित पानी को रोकने के लिए साफ सफाई और लोकल हाइजिंग की आवश्यकता है. 

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टाइफाइड मरीजों की बढ़ रही संख्या

साफ पानी के लिए हम आरो का भी उपयोग कर सकते हैं. जिससे उल्टी, दस्त, पेटदर्द की बीमारियों को रोका जा सकता है. हर साल बारिश के सीजन के बाद टाइफाइड के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है. टाइफाइड में लंबे समय तक बुखार रहता है और शरीर में वजन की भी कमी होती है. यह बिगड़ने पर आंतों में छेद होने की संभावना भी बनी रहती है. ऐसी स्थिति में सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है.

बता दें कि हर वर्ष बारिश के सीजन के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. अगर इस वर्ष की बात करें तो सामान्य दिनों की तुलना में 30 से 40% तक ओपीडी में बढ़ोतरी हुई है.

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