Deoli-Uniara Seat: पायलट के गढ़ देवली उनियारा में 13 नवंबर को उपचुनाव; BJP, कांग्रेस से ये हैं टिकट के दावेदार, समझें सियासी समीकरण

Rajasthan Assembly By Election 2024: महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है. राजस्थान में खाली हुई विधानसभा की 7 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा.

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Deoli-Uniara Assembly By Election 2024: सचिन पायलट और टोंक सांसद हरीश मीणा.

Deoli-Uniara Assembly By Election 2024: राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तारीख की घोषणा हो गई है. देवली उनियारा सहित राजस्थान की खाली हुई सभी 7 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा. वोटों की गिनती महाराष्ट्र और झारखंड की विधानसभा चुनाव के साथ 23 नवंबर को होगी. चुनाव आयोग की घोषणा के बाद राजस्थान के उपचुनाव की तैयारी में भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलें जुट चुकी है. इन सात सीटों के उपचुनाव में टोंक जिले की देवली उनियारा विधानसभा सीट (Deoli-Uniara Assembly Seat) पर सबकी नजर होगी. क्योंकि यह सीट कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (sachin Pilot) के प्रभाव क्षेत्र वाली मानी जाती है.
 

देवली उनियारा में बीते 11 साल से कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. इस बार उपचुनाव में क्या कुछ हालात होंगे? जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में. 

सचिन पायलट, हरीश मीणा की जोड़ी जीत की हैट्रिक को बेताब

सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर होने वाले उपचुनावों पर अब सबकी नजर है. इस सीट का इतिहास हो या उपचुनावों का इतिहास बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाला रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि लगातार दो विधानसभा चुनाव जीतने वाले हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुए इस सीट पर सचिन पायलट और हरीश मीणा की जोड़ी क्या जीत की हैट्रिक पूरी कर पाएगी? 

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बीजेपी के सामने सबसे बड़ी समस्या है आपसी गुटबाजी

या फिर डबल इंजन की सरकार वाली सत्ताधारी बीजेपी 11 साल बाद अपनी आपसी गुटबाजी से निजात पाकर इस सीट को जीत का परचम लहराने में कामयाब होगी. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद दोनों ही दलों बीजेपी और कांग्रेस के अलावा सभी राजनैतिक दलों में प्रत्याशी चयन की कयावद अब और तेज हो जाएगी. देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव सचिन पायलट की प्रतिष्ठा का चुनाव भी होगा. 

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पायलट ने कहा था- उपचुनाव में सभी सीटें जीतेंगे

सचिन पायलट ने पिछले दिनों टोंक में इस सीट पर जीत का दावा करते हुए कहा था कि हम बेहतर उम्मीदवार उतारेंगे और उपचुनाव में सभी सीटे जीतेंगे. वहीं इस सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव समितियों का गठन कर चुनावी तैयारियों को अमली-जामा पहनाना पहले ही शुरू कर दिया है. दूसरी ओर टिकट की दौड़ भी अब दिल्ली से लेकर जयपुर तक शुरू हो चुकी है. जिसमे दोनों ही दलों के कई बड़े नाम शामिल है. 

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2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने बीजेपी के विजय बैंसला को 19 हजार 175 वोट से हराकर लगातार दूसरा चुनाव जीता था.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश मीणा को मिली थी बढ़त

देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल 3 लाख 2 हजार 721 मतदाता है. हाल ही के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 1 लाख 80 हजार 17 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसमे पुरुष मतदाताओं ने 95 हजार 992 व महिला मतदाताओं ने 84 हजार 24 वोट डाले थे. कांग्रेस से सांसद बने हरीश चंद्र मीणा को इस विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में महज 2 हजार 338 वोटों की बढ़त मिली थी.

देवली-उनियारा विधानसभा सीट का इतिहास

2008 के परिसीमन से पहले यह उनियारा विधानसभा सीट थी 

1952 से 1957 तक राव राजा सरदार सिंह आरआरपी से विधायक रहे. 
1962 और 1967 में दिग्विजय सिंह एसडब्लूटी से विधायक रहे.
1972 में राव राजा राजेन्द्र सिंह कांग्रेस से विधायक रहे. 
1977 में दिग्विजय सिंह जेपी से विधायक रहे.
1980 में रामलाल गुर्जर कांग्रेस से विधायक रहे.
1985 में दिग्विजय सिंह जेपी से विधायक रहे. 
1990 में दिग्विजय सिंह जेडी से विधायक रहे.
1993 में जगदीश मीणा बीजेपी से विधायक बने.
1998 में दिग्विजय सिंह कांग्रेस से विधायक बने.
2003 में प्रभुलाल सैनी बीजेपी से विधायक बने. 

2008 में परिसीमन के बाद यह सीट देवली-उनियारा विधानसभा सीट बनी.

2008 में रामनारायण मीणा कांग्रेस से विधायक बने. 
2013 के चुनाव में राजेंद्र गुर्जर बीजेपी से विधायक बने. 
2018 में कांग्रेस के हरीश मीणा विधायक बने.
2023 में भी कांग्रेस के हरीश मीणा को मिली जीत.

देवली उनियारा में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार

देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस से संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है. इसमें वर्तमान में पूर्व सांसद नमोनारायण मीणा, पूर्व विधायक राम नारायण मीणा (2008 से 2013 तक इसी सीट से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष भी रहे), प्रियंका गांधी के नजदीकी माने जाने वाले धीरज गुर्जर जिनका ससुराल दूनी में है, नरेश मीणा जिन्होंने प्रमोद जैन भाया के खिलाफ अंता से चुनाव लड़ा था का नाम शामिल है. इसके अलावा सांसद हरीश मीणा के बेटे हनुमंत मीणा और रामसिंह मीणा के नाम की भी चर्चा हैं.

देवली उनियारा सीट पर बीजेपी के संभावित उम्मीदवार 

देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा से भी टिकट मांगने वाले नेताओं की लिस्ट लंबी है. भाजपा से 2013 से 2018 तक इसी सीट से विधायक रहे राजेन्द्र गुर्जर, 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी विजय बैंसला के नाम प्रमुखता से चर्चा में है. वही अल्का सिंह गुर्जर, विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल, प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दौड़ में शामिल है.

दोनों दलों ने उपचुनाव को लेकर कमेटियों का किया गठन

इसी साल होने वाले उपचुनाव को लेकर देवली-उनियारा सीट के लिए कांग्रेस ने जहां हरीश मीणा सांसद, प्रशांत शर्मा विधायक, विकास चौधरी विधायक, हरि प्रसाद बैरवा, जिला अध्यक्ष सहित चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया है. वही बीजेपी ने राजेन्द्र राठौड़, हीरालाल नागर, जितेंद्र गोठवाल वह ओमप्रकाश भड़ाना की चार सदस्यीय कमेटी का देवली-उनियारा सीट के उपचुनाव के लिए गठन किया है.

देवली-उनियारा विधानसभा सीट का जातीय समीकरण 

कुल मतदाता - लगभग 3 लाख 2 हजार 721
एसटी-मीणा - लगभग 63 से 65 हजार के बीच 
अनुसूचित जाति- बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन व अन्य जातियां- 57 से 61 हजार
गुर्जर- लगभग 54 हजार से 57 हजार के बीच 
माली- लगभग 11 हजार से 12 हजार के बीच 
ब्राह्मण - लगभग 14 हजार से 15 हजार के बीच 
जाट- लगभग 14 हजार से 15 हजार के बीच 
वैश्य, महाजन - लगभग 8 हजार 
राजपूत - लगभग 4 हजार
मुस्लिम - लगभग 14 हजार वोट 
अन्य जातियों के वोट- लगभग 55 से 58 हजार

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