Rajasthan: बस स्टैंड पर बदहाली-गंदगी देख नाराज हुए प्रेमचंद बैरवा, अधिकारियों को लगाई फटकार

Karauli News: प्रेमचंद बैरवा ने अधिकारियों को यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देने, अधूरे निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने और नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

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बस स्टैंड का निरीक्षण करते डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा

Premchand Bairwa Karauli surprise inspection: उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने गुरुवार को करौली स्थित केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान बस स्टैंड पर गंदगी देख वे काफी नाराज नजर आए. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए और यात्रियों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं. निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य हर नागरिक को बेहतर सुविधा, सुरक्षा और सम्मानजनक परिवेश प्रदान करना है. इसी सोच के साथ सरकार सतत प्रयासरत है. उन्होंने अधिकारियों को यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देने, अधूरे निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने और नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

कई बिंदुओं पर मांगे प्रस्ताव

बस स्टैंड पर यात्रियों ने डिप्टी सीएम से करौली से सीधे रोडवेज डिपो संचालन शुरू करने, नए रूटों पर बस सेवाएं बहाल करने और वर्कशॉप को दोबारा चालू करने की मांग की. डॉ. बैरवा ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए.

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चार साल से अधूरी परियोजना, निर्माण कार्य में हो रही देरी

दरअसल, बस स्टैंड के पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार ने करीब 4-5 साल पहले 4 करोड़ का बजट मंजूर किया था. लेकिन परियोजना को शुरू होने में 3 साल का वक्त लग गया. अप्रैल 2023 में निर्माण कार्य आरंभ हुआ था, जिसे अक्टूबर 2023 तक पूरा होना था, लेकिन कार्य की धीमी गति के चलते कई हिस्सों में निर्माण अधूरा है.

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अब तक बस स्टैंड में एक नया भवन ब्लॉक तैयार किया जा चुका है. प्लेटफॉर्म का विस्तार कर एक साथ अधिक बसों के खड़े होने की सुविधा बनाई गई है. दूसरी मंजिल पर कमरे, दुकानें, बुकिंग काउंटर, प्रतीक्षालय, पूछताछ केंद्र, एटीएम, शौचालय और स्टाफ रेस्ट रूम का निर्माण पूर्ण हो चुका है.

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ये काम अब भी अधूरे

पिछली ओर की फिनिशिंग, मुख्य गेट का कार्य, दफ्तर की लाइटिंग, बाउंड्री वॉल आदि का निर्माण अब भी अधर में लटका है. संवेदक फर्म के प्रतिनिधि ओमप्रकाश के अनुसार, 2.5 करोड़ के वर्कऑर्डर में से 2 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं, जिससे कार्य में कई बार आर्थिक बाधा आई. बजट जारी होने पर ही शेष कार्य संभव हो पाएगा.

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