Desert Festival 2025: इस बार फिर फीका रहेगा मरू महोत्सव का रंग, रेवेन्यू और वन विभाग के बीच विवाद से अटका मामला

Rajasthan: जुलाई 2024 में हुए जॉइंट सर्वें के बाद 7 माह बीतने के बावजूद भी सीमा निर्धारण का मसला हल नही हुआ है.

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Jaisalmer: रेगिस्तान में आयोजित होने वाले विश्व विख्यात मरू महोत्सव में सीमा विवाद का साया मंडरा रहा है. इसका असर महोत्सव की रौनक पर दिख सकता है. हालांकि महोत्सव तो होगा, लेकिन खुहड़ी में लगातार तीसरे साल कार्यक्रम नहीं होंगे. इसके पीछे वजह है डेजर्ट नेशनल पार्क की सीमा निर्धारण. जुलाई 2024 में हुए जॉइंट सर्वें के बाद 7 माह बीतने के बावजूद भी सीमा निर्धारण का मसला हल नही हुआ है. इसी के चलते खुहडी के धोरों पर फेस्टिवल नहीं होगा. इस फैसले के बाद पर्यटन व्यवसायी में रोष है. हालांकि स्टार गेजिंग, कैमल राइड और लोकसंगीत के प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रम होंगे. 

वन विभाग की एनओसी पर अटका है मामला

यह विवाद साल 2023 में शुरू हुआ. तब वन विभाग की आपत्ति के बाद खुहड़ी में होने वाले कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे. तभी से यह मामला विभाग की ओर से एनओसी जारी नहीं होने की वजह से अटका हुआ है. डेजर्ट नेशनल पार्क के डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि खुहडी का जहां तक सवाल है, वर्तमान में जहां हमारे बाउंड्री पिलर लगे हैं. जंहा खुहडी के सेंड ड्यूंस है और डेजर्ट फेस्टिवल होना था, वो हमारे सेंच्यूरी एरिया का पार्ट है. जॉइंट सर्वें की रिपोर्ट हमने उच्च अधिकारियों को भेज दी है. वहां से फैसला होने के बाद एनओसी दी जा सकती है. हालांकि अभी तक किसी ने NOC मांगी नही है और हम नियमानुसार अभ्यारण्य एरिया में दे भी नही सकते. 

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पिछले साल हुआ था सर्वे, अभी तक नहीं हो पाया फैसला

जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने पिछले साल फरवरी, 2024 में पर्यटन विकास समिति की बैठक ली थी. संयुक्त सर्वें को लेकर डीएनपी के डीएफओ को निर्देश भी दिए थे, जिसके बाद जुलाई-2024 में सर्वे भी हुआ. लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है. दरअसल, खुहड़ी के धोरे समेत अन्य 4-5 किमी का क्षेत्र राजस्व में आता था. इसके डिनोटिफाइड होने का इंतजार किया जा रहा है. 

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पूर्व राजपरिवार के सदस्य बोले- यह सिर्फ कुछ लोगों की हठधर्मिता का नतीजा

पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पर्यटन व्यवसायी ठाकुर विक्रम सिंह ने इस मामले में दुख जाहिर किया. उन्होंने बताया कि वो खुद उस सर्वें के दौरान टीम के साथ थे, जब 50 डिग्री तापमान में 2 दिन तक सभी ने साथ रहकर काम किया. इसकी रिपोर्ट जयपुर में अटकी हुई है.  

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उनका कहना है कि इससे पर्यटन को काफी नुकसान हो रहा है. खुहड़ी एक अछूता क्षेत्र रह गया, जहां लोगों को रोजगार के साधन नही है. फेस्टिवल नहीं होने से पर्यटन घट रहा है, लोग ऊंट भी वहां छोड़ रहे हैं. अगर यहां फेस्टिवल आता तो उसका फायदा क्षेत्र को मिलता.  लेकिन पर्यटक भी रेगिस्तान के सबसे सुंदर क्षेत्र को नहीं देख पा रहे हैं. यह सबकुछ सिर्फ कुछ लोगों की हठधर्मिता की वजह से हो रहा है. 

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