राजस्थान के इस जिले में अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का लिया फैसला, शिक्षा विभाग के खिलाफ की नारेबाजी

राजस्थान के धौलपुर में एक स्कूल की हालत देखकर अभिभावक सुरक्षा को लेकर चिंतित है. अब तो बच्चे स्कूल छोड़ दूसरे स्कूल जा रहे हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan School: राजस्थान सरकार की ओर से शिक्षा की अच्छी व्यवस्था को लेकर लगातार बात कर रही है. बजट में भी शिक्षा से जुड़े कई घोषणाएं की गई लेकिन जमीनी हकीकत में इन बातों से अलग नजर आ रहा है. इससे न केवल नौनिहालों के शिक्षा का भविष्य अंधेरे में बल्कि उनके जान को खतरा भी है. ऐसा ही मामला राजस्थान के धौलपुर से आया है. जहां बाड़ी उपखंड के अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का फैसला किया है. ऐसा इसलिए की स्कूल जर्जर हालत देख अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं.

बाड़ी उपखण्ड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अजीतपुर के भवन की जर्जर हालत को देखकर बच्चों के अभिभावक और ग्रामीण आक्रोशित दिखे. ग्रामीणों ने राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. वहीं ग्रामीणों ने भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने का निर्णय लिया. क्योंकि बारिश की वजह से कभी भी हादसा हो सकता है.

Advertisement

बारिश में स्कूल की छुट्टी, छात्र छोड़ कर जा रहे स्कूल

कार्यवाहक प्रधानाचार्य हुकुमचंद मीणा ने बताया कि विद्यालय को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में कक्षा 8वीं से 12वीं तक क्रमोन्नत कर दिया गया. लेकिन भवन के अभाव में कक्षाओं को संचालित करने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय में कुल चार कमरे हैं, वह भी पूरी तरह से छतिग्रस्त हैं, कमरों की छतों से बारिश का पानी टपकने से विद्यालय का रिकॉर्ड सहित खाद्य सामग्री भी भीग चुकी है. उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में अधिकांश बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है. भवन के अभाव और स्टाफ की कमी को देखते हुए अधिकांश बच्चे स्कूल छोड़कर अन्य स्कूलों में अपना प्रवेश ले चुके हैं. भवन की समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

Advertisement

चार कमरों में पूरी स्कूल की पढ़ाई

ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में भवन की समस्या लम्बे समय से चली आ रही है. चार कमरों में 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही है. अब तो आलम यह है कि विद्यालय में मौजूद भवन भी पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुका है. कमरों की छतों से पानी टपकने से दीवारों में भी दरारे आ चुकी है. जिसमें कभी भी बड़ा हादसा होन का अंदेशा बना हुआ है. इसी अंदेशे की वजह से गुरुवार को अभिवावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नही भेजने का निर्णय लिया.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः सरकारी स्कूल के बच्चों को 'स्मार्ट' बना रहे बृजेश, पत्नी भी कर रहीं इस अनोखी पहल में मदद

Topics mentioned in this article