Rajasthan: राजस्थान के इन गांवों में आज भी नहीं पहुंची बिजली, बच्चों की नहीं हो पा रही पढ़ाई; युवक-युवती भी रह गए अविवाहित

Dholpur: बिजली की सुविधा का इंतजार कर रहे ये ग्रामीण कई नेताओं की चौखटों पर गुहार लगा चुके हैं. लेकिन हर जगह से इन्हें निराश ही हाथ लगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Villages of Dang are deprived of electricity: धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड क्षेत्र की कुदिन्ना पंचायत के 5 गांवों को आज भी बिजली की दरकार है. ग्रामीण आज भी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. जबकि बच्चे तकनीकी शिक्षा से वंचित रह गए हैं. बिजली की सुविधा का इंतजार कर रहे ये ग्रामीण कई नेताओं की चौखटों पर गुहार लगा चुके हैं. लेकिन हर जगह से इन्हें निराश ही हाथ लगी. इन्हें किसी भी विकास की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इन 5 गांव में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. उजाले के लिए ग्रामीण दीपक, मोमबत्ती और अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं. सबसे अधिक समस्या विद्यार्थियों के लिए हो रही है. क्योंकि गांव के स्कूलों में बिजली नहीं होने से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल पा रही है. इन स्कूलों में तकनीकी शिक्षा के उपकरण बंद पड़े हुए हैं.

युवक-युवतियों की नहीं हो रही शादी

स्थानीय महिला लीला देवी ने बताया कि उनकी 60 वर्ष की उम्र हो गई है. करीब 45 साल पहले गांव में ब्याह होकर आई थीं. तब से लेकर आज तक इन गांवों में बिजली नहीं है. गर्मियों के सीजन में डांग क्षेत्र में तापमान अधिक होने के चलते ग्रामीणों के लिए काफी परेशानी खड़ी हो जाती है. ऐसे में यहां से पलायन करने वाले ग्रामीणों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. बुनियादी समस्याओं का अंबार होने के चलते यहां के युवक-युवतियों के रिश्ते भी नहीं होते हैं. इसके चलते गांव में अविवाहित युवक-युवतियों की संख्या भी काफी बढ़ गई है. 

Advertisement

गांव में मोबाइल टावर भी नहीं, एमपी में लगे टावर से मिलती है मदद

बिजली नहीं होने के कारण किसी भी कंपनी द्वारा मोबाइल टावर भी नहीं लगाए हैं. मध्य प्रदेश का मुरैना जिला नजदीक होने के कारण कभी-कभी एमपी में लगे टावर के सिग्नल जरूर मिल जाते हैं. इसी के माध्यम से ग्रामीण मोबाइल पर बात कर लेते हैं.

Advertisement

विद्युत निगम का डिमांड नोटिस कैसे भरे ग्रामीण? 

इन तमाम समस्याओं के बावजूद जनप्रतिनिधि भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. स्थानीय ग्रामीण देवीराम के मुताबिक, विधायक, सांसद और कलेक्टर द्वारा शिकायत पत्र तो ले लिए जाते हैं. लेकिन समस्या से निजात दिलाने की किसी भी जिम्मेदार ने कदम नहीं उठाया. डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता राजेश वर्मा का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा बिजली कनेक्शन की फाइलें जमा कराई गई है. डिमांड नोटिस जमा होने के बाद सर्वे कराया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि निगम द्वारा जारी इस नोटिस को भर पाने में वह असमर्थ है.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः अजमेर में नगर निगम ने 2 होटलों पर जड़ दिए ताले, प्रशासन के एक्शन से शहर में मचा हड़कंप!

Topics mentioned in this article