राहुल गांधी की 'वोट चोरी' वाली पोस्ट रीपोस्ट करने पर डीडवाना पुलिस पर गिरी गाज; एक्शन में आया महकमा

सरकारी विभागों और खासकर पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को हमेशा तटस्थ और गैर-राजनीतिक रहना होता है. किसी भी राजनीतिक दल या नेता की विवादित पोस्ट को आधिकारिक हैंडल से रीपोस्ट करना सरकारी प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन माना जाता है.

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सरकारी हैंडल से राहुल गांधी को समर्थन? 'वोट चोरी' की पोस्ट रीपोस्ट करने पर डीडवाना पुलिस पर गिरी गाज
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Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले की पुलिस (Didwana Police) एक बड़े विवाद में घिर गई है. जिला पुलिस के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक विवादित पोस्ट को रीपोस्ट कर दिया गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे. इस पोस्ट में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का गंभीर आरोप लगाया था. विवाद गहराता देख पुलिस प्रशासन तुरंत एक्शन में आया और इस मामले पर आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया.

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार वोट चोरी और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए 'वोट चोरी' की बात कही थी. इसी संबंध में उन्होंने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट भी की थी. हैरत की बात यह रही कि राहुल गांधी की इसी पोस्ट को डीडवाना-कुचामन पुलिस अधीक्षक (SP) के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल द्वारा रीपोस्ट कर दिया गया.

सोशल मीडिया पर उठा विवाद

जैसे ही यह रीपोस्टिंग हुई, सोशल मीडिया पर तुरंत सवाल उठने लगे. लोगों ने पुलिस की तटस्थता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या डीडवाना-कुचामन पुलिस राहुल गांधी के इन आरोपों का समर्थन करती है? और क्या इसीलिए एक पुलिस अधीक्षक के आधिकारिक हैंडल से इस तरह की राजनीतिक पोस्ट को समर्थन दिया गया है? हालांकि, मामला संज्ञान में आते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और विवादित पोस्ट को तुरंत हैंडल से डिलीट कर दिया गया. लेकिन तब तक इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो चुके थे, जिससे पुलिस की किरकिरी हुई.

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पुलिस ने जारी किया स्पष्टीकरण

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीडवाना-कुचामन पुलिस ने देर शाम अपने आधिकारिक हैंडल से एक स्पष्टीकरण जारी किया. पुलिस ने स्पष्ट किया कि वह इस वायरल पोस्ट का समर्थन नहीं करती है और इसे किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उक्त पोस्ट को संज्ञान में आते ही तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था. 'एक्स' हैंडल का संचालन करने वाले संबंधित कार्मिक को लाइन हाजिर कर दिया गया है. यह पोस्ट किसी कर्मचारी की व्यक्तिगत गलती थी या फिर अकाउंट को हैक कर यह हरकत की गई है, इस संबंध में विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं. यह जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीडवाना को सौंपी गई है.

सरकारी हैंडल की तटस्थता पर सवाल

सरकारी विभागों और खासकर पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को हमेशा तटस्थ और गैर-राजनीतिक रहना होता है. किसी भी राजनीतिक दल या नेता की विवादित पोस्ट को आधिकारिक हैंडल से रीपोस्ट करना सरकारी प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन माना जाता है. पुलिस प्रशासन अब जांच के बाद यह पता लगाएगा कि यह लापरवाही किस स्तर पर हुई और इसके पीछे का उद्देश्य क्या था.

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