Didwana News: मकराना-मंगलाना टोल प्लाज़ा हुआ बंद, विरोध के बाद प्लाज़ा मालिक को लेना पड़ा फैसला 

इस फैसले से स्थानीय वाहन चालकों को राहत मिली है. वहीं पीडब्ल्यूडी और कंपनी के बीच आगे की बातचीत का इंतजार है. जबकि दूसरी ओर टोल बंद होने के बाद मकराना विधायक जाकिर हुसैन ने गैसावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे जनता की जीत बताया है.

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Didwana News: डीडवाना जिले के मकराना-मंगलाना रोड पर स्थित टोल प्लाजा को संचालित करने वाली कंपनी ने शनिवार को टोल को बंद करने की घोषणा कर दी. कंपनी के अनुसार, स्थानीय वाहनों को टोल मुक्त करने के समझौते के बाद रोजाना 70 से 80 हजार रुपये का घाटा हो रहा था, जिसके चलते यह कदम उठाया गया.

टोल प्रबंधक शंकर चौधरी के अनुसार पीडब्ल्यूडी द्वारा आरडी देवंदा कंपनी को एक वर्ष के लिए प्रतिदिन 1 लाख 10 हजार रुपये के हिसाब से ठेका दिया गया था. इसके तहत 26 जुलाई 2025 को टोल शुरू किया गया था.

हालांकि, टोल बूथ शुरू होते ही मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया और अन्य जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों ने टोल के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. विरोध के बाद टोल से 10 किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र के वाहनों को टोल मुक्त करने और कंपनी को हर्जाना देने का समझौता हुआ. चौधरी ने कहा कि स्थानीय वाहनों को छूट देने के बाद कंपनी की आय बुरी तरह प्रभावित हुई.

बैरिकेडिंग हटा दी और टोल को बंद कर दिया गया

अक्टूबर माह में ही 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ. रोजाना 70-80 हजार का घाटा सहन नहीं किया जा सकता. कंपनी के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर शनिवार सुबह टोल कर्मियों ने बैरिकेडिंग हटा दी और टोल को बंद कर दिया गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी के दोबारा आने तक टोल बंद रहेगा.

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टोल नियम विरुद्ध लगाया गया था? 

इस फैसले से स्थानीय वाहन चालकों को राहत मिली है. वहीं पीडब्ल्यूडी और कंपनी के बीच आगे की बातचीत का इंतजार है. जबकि दूसरी ओर टोल बंद होने के बाद मकराना विधायक जाकिर हुसैन ने गैसावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे जनता की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि टोल नियम विरुद्ध लगाया गया था.

हमारे द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद स्थानीय वाहनों को टोल मुक्त किया गया. जिसके कारण कंपनी टोल नहीं चला पा रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई दूसरी कंपनी या ठेकेदार इस टोल को चालू करने आता हैं तो उसे भी स्थानीय वाहनों को टोल मुक्त करना पड़ेगा. वरना भारी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

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