Ambedkar Jayanti: रैली निकाल कर मनाई बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती, 2 KM तक निकाली भव्य शोभायात्रा

युवा हाथों में नीले झंडे लेकर ओर बाबा साहेब डॉक्टर अंबेडकर अमर रहे और जय भीम के नारे लगाते हुए चल रहे थे. जबकि सांगलिया धूणी के स्वामी ओमदास महाराज रथ पर सवार होकर चल रहे थे. इस दौरान अंबडेकर सर्किल पर सभी लोगों ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया

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Ambedkar Jayanti: भारत के संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 133 वीं जयंती आज डीडवाना में धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर दलित संगठनों की ओर से शहर में भव्य रैली निकाली गई. यह रैली पंडित बच्छराज व्यास विद्यालय से रवाना हुई, जो अंबेडकर सर्किल तक चली. रैली का नागौरी गेट के पास आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. रैली में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने भाग लिया.

वहीं युवा हाथों में नीले झंडे लेकर ओर बाबा साहेब डॉक्टर अंबेडकर अमर रहे और जय भीम के नारे लगाते हुए चल रहे थे. जबकि सांगलिया धूणी के स्वामी ओमदास महाराज रथ पर सवार होकर चल रहे थे. इस दौरान अंबडेकर सर्किल पर सभी लोगों ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया.

इस मौके पर भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा भी डीडवाना पहुंची और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान स्वामी ओमदास महाराज ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने विषम परिस्थितियों में भारतीय संविधान निर्माण किया. डॉ भीमराव अम्बेडकर दलितों और पिछड़ों के मसीहा थे. उन्होंने जाति पाति, छूत अछूत, ऊंच-नीच आदि विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने में अग्रणीय भूमिका निभाई है.

सीकर में काटा 133 किलो का केक

डॉ भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर भीम सेना की ओर से आज सीकर शहर के खटीकान मोहल्ले से अंबेडकर सर्किल तक समता रैली का आयोजन किया गया. समारोह के बाद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने 133वीं जयंती पर 133 किलो का केक काटा गया.

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भीम सेना के संस्थापक अनिल तिड़दिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती पर हर वर्ष की भांति इस बार भी शहर के खटीकान मोहल्ले से समता रैली का आयोजन किया गया. रैली खटीकान मोहल्ले से रवाना हुई जो फतेहपुर रोड, डाक बांग्ला, कल्याण सर्किल, तापड़िया बगीची, जाट बाजार, पुराना अजमेर बस स्टैंड, दो नंबर डिस्पेंसरी होती हुई अंबेडकर सर्किल पहुंची.

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