राजस्थान में होगी पहली डिजिटल जनगणना, घर बैठे खुद कर सकेंगे अपना रजिस्ट्रेशन, समझें पूरा प्रोसेस

Upcoming Rajasthan Census: राजस्थान में पहली बार डिजिटल जनगणना की तैयारियां शुरू हो गई हैं. अब नागरिक 'स्व-गणना वेब पोर्टल' के जरिए अपनी जानकारी खुद दर्ज कर सकेंगे.

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राजस्थान में डिजिटल जनगणना की तैयारियां शुरू हो गई हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

Rajasthan News: राजस्थान में होने वाली अगली जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी. यह देश में पहली बार हो रहा है कि लोग खुद भी अपनी और अपने परिवार की जानकारी दर्ज कर सकेंगे. यह एक ऐसा बदलाव है, जो न सिर्फ प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि काम को तेजी से और ज्यादा सटीकता के साथ पूरा करने में भी मदद करेगा. इसकी तैयारियां राजस्थान में शुरू हो चुकी हैं. 

सरकार ने लॉन्च किया पोर्टल

अबकी बार, जनगणना में हिस्सा लेने के लिए आपको सिर्फ इंतजार नहीं करना होगा. सरकार ने एक 'स्व-गणना वेब पोर्टल' लॉन्च किया है. इसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी खुद ही ऑनलाइन भर सकेगा. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि लोग जो भी जानकारी भरेंगे, बाद में उसका सत्यापन सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर करेंगे. इसके अलावा, जो लोग ऑनलाइन नहीं कर पाएंगे, उनके लिए कर्मचारी टैबलेट लेकर आएंगे और जानकारी डिजिटल तरीके से ही भरेंगे.

दो चरणों में पूरा होगा जनगणना का प्रोसेस

जयपुर स्थित क्षेत्रीय जनगणना निदेशालय के निदेशक विष्णु चरण ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया दो चरणों में होगी. पहला चरण, अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा. इसमें घरों की गिनती और लिस्ट तैयार की जाएगी. दूसरा चरण, 9 से 20 फरवरी 2027 तक होगा. इसमें लोगों की वास्तविक गणना की जाएगी. 

राजस्थान के लिए क्यों है बड़ी चुनौती?

विष्णु चरण ने बताया कि राजस्थान के लिए यह प्रक्रिया एक बड़ी चुनौती होगी. 2011 से लेकर अब तक राजस्थान में कई बड़े प्रशासनिक बदलाव हुए हैं. जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 41 हो गई है. इसी तरह, तहसीलों की संख्या 244 से बढ़कर 426 और कस्बों की संख्या 185 से बढ़कर 313 हो गई है. इन नई प्रशासनिक इकाइयों के हिसाब से सभी जानकारी को जनगणना में शामिल करना एक मुश्किल काम होगा. इसके अलावा, राजस्थान की अलग-अलग भौगोलिक और स्थानीय परिस्थितियां भी इस प्रक्रिया को और भी चुनौतीपूर्ण बनाती हैं.

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काम पर लगेंगे हजारों कर्मचारी

इस डिजिटल जनगणना को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को काम पर लगाया जाएगा. करीब 1 लाख 50 हजार कर्मचारी घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा करेंगे. इसके अलावा, 30 हजार से 40 हजार पर्यवेक्षक और अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.

जनगणना से क्या फायदा?

यह जनगणना सिर्फ संख्या गिनने का काम नहीं है. चरण ने कहा कि यह जनसांख्यिकी के विश्लेषण, विकास की योजना बनाने और एक प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. पहली बार डिजिटल तरीके से हो रही यह जनगणना, देश को और ज्यादा आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि आंकड़ों की सटीकता भी बढ़ेगी, जिससे सरकार को सही नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.

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