RSRTC Dress Code: राजस्थान परिवहन विभाग में ड्रेस कोड लागू, जींस और टी-शर्ट पहनने पर लगी पाबंदी

राजस्थान का परिवहन विभाग पहला विभाग है, जहां ड्रेस कोड लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के परिवहन विभाग (RSRTC) ने कार्मिकों के ड्रेस कोड (Dress Code) को लेकर आदेश जारी किया है. अब कोई भी कार्मिक जींस और टी-शर्ट पहनकर ऑफिस में नहीं आ सकेगा. जहां पुरुष एम्पलॉइज को पेन्ट और शर्ट पहनकर आना होगा, वहीं महिला कार्मिकों को सूट या साड़ी में ऑफिस आना होगा. हाल ही में परिवहन विभाग की मुख्य सचिव की ओर से प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों में किए गए निरीक्षण के दौरान कार्यालय में कार्मिकों के जींस और टी-शर्ट में आने पर नाराजगी जाहिर की गई थी. इसी के चलते परिवहन और सड़क सुरक्षा आयुक्त डॉ. मनीष अरोड़ा ने मंगलवार को ड्रेस कोड के आदेश जारी किए. 

कहां-कहां लागू होगा ड्रेस कोड

उन्होंने अपने आदेश में लिखा है कि विभाग के सभी एम्पलॉइज को अब रोजाना गरिमा पूर्ण पोशाक में ऑफिस आना होगा. ऐसा नहीं किए जाने पर उस मामले को बहुत ही गम्भीरता से लिया जाएगा. डॉ. मनीषा अरोड़ा ने सभी एम्पलॉइज को ऑफिस में डिसिप्लिन, कर्टसी और इथिक्स की पालना सुनिश्चित करने की बात भी आदेश में लिखी है. ये आदेश राज्य के सभी परिवहन मुख्यालय, प्रादेशिक जिला परिवहन और उप परिवहन कार्यालय से जुड़े सभी कार्मिकों के लिए लागू होंगे. बीकानेर जॉन के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि इस सम्बन्ध में सभी कार्मिकों को पाबन्द कर दिया गया है और उन्हें यह आदेश दिया गया है कि वे बुधवार से इस आदेश के अनुसार लागू ड्रेस कोड में ऑफ़िस आएंगे.

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पहला विभाग जहां ड्रेस कोड लागू

गौरतलब है कि ऑफिसों में ड्रेस कोड लागू करने की कवायद काफी अरसे से चल रही है. इसकी एक वजह यह भी है कि एम्पलॉइज अपने ड्रेस की तरफ ध्यान नहीं देते और कुछ भी पहनकर ऑफिस में आ जाते हैं, जिसका असर ऑफिस में आने-जाने वालों पर पड़ता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए कई विभागों में ड्रेस कोड लागू करने की कवायद की जा रही है. राजस्थान का परिवहन विभाग पहला विभाग है, जहां ड्रेस कोड लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं. ड्रेस कोड लागू करने का ये आदेश कितना रंग लाएगा, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन डिसिप्लिन और इथिक्स की बात करके डॉक्टर मनीषा अरोड़ा ने कार्मिकों को यह सोचने पर जरूर मजबूर कर दिया है कि उन्हें तहजीब के दायरे में रहकर काम करना चाहिए.

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