राजस्थान के इस गांव में 7 दिनों से है पेयजल आपूर्ति ठप, वजह कर देगी हैरान

प्रतापगढ़ के बरडिमा ग्राम पंचायत में बीते 7 दिनों से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है. लेकिन इसकी वजह यह नहीं है कि पानी की कमी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
प्रतापगढ़ के एक गांव में 7 दिन से नहीं मिला पेयजल

Rajasthan News: राजस्थान में पानी की समस्या काफी पुरानी है. प्रदेश के कई जिलों में पानी की समस्या आज भी कायम है. भले ही सरकार पानी आपूर्ति के लिए बड़े-बड़े काम कर लें लेकिन पानी की समयस्या बनी ही है. हालांकि, नया मामला पेयजल आपूर्ति से जुड़ा है जो पानी न होने की वजह से नहीं है. बल्कि वेतन से जुड़ा है. प्रतापगढ़ के बरडिमा ग्राम पंचायत में बीते 7 दिनों से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है. इसका कारण यह है कि ग्राम पंचायत में पेयजल सप्लाई करने वाले सहायक को 19 महीने से मानदेय नहीं दिया गया है. ऐसे में उनसे पानी आपूर्ति को ठप कर दिया है. वहीं, पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंन जमकर हंगामा किया है. क्योंकि सरपंच ने उसके 19 महीने के मानदेय को दूसरे व्यक्ति को दे दिया है.

1998 से पेयजल आपूर्ति के लिए नियुक्त किया गया एक व्यक्ति

मिली जानकारी के अनुसार बरडिया ग्राम पंचायत में 1998 से गांव के ही एक व्यक्ति कचरूलाल गुर्जर को पेयजल आपूर्ति के लिए नियुक्त किया गया था. तभी से उसको मानदेय दिया जा रहा था. यह मानदेय जलदाय विभाग की ओर से ग्राम पंचायत को दिया जाता था. जिसका भुगतान कचरूलाल गुर्जर को कर दिया जाता था. लेकिन पिछले 19 महीनों से उसे मानदेय नहीं दिया गया. इससे उसने 7 दिन से पेयजल आपूर्ति का काम बंद कर दिया. बीते 7 दिनों से गांव में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीण ग्राम पंचायत के कार्यालय पहुंच गए.

Advertisement

सरपंच ने दूसरे व्यक्ति को दे दिया मानदेय

यहां पर सरपंच कमलाबाई मीणा के पति से उनकी नोकझोंक हो गई. ग्रामीणों ने सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग की. दोनों जब मौके पर पहुंचे तो खुलासा हुआ कि कचरूलाल गुर्जर के स्थान पर सरपंच के चहेते कन्हैयालाल मीणा को जल प्रदाय के लिए नियुक्त कर दिया गया है. और जलदाय विभाग उसको बीते 19 महीनो से मानदेय भी दे रहा है. इस बात की भनक किसी को नहीं लगी थी. जबकि कचरूलाल गुर्जर ही लगातार कार्य कर रहा था. ग्रामीणों को जब यह बात पता चली तो उनका आक्रोश और बढ़ गया और ग्रामीण तालाबंदी पर उतारू हो गए. इस पर ग्राम विकास अधिकारी ने रठांजना थाना पुलिस को सूचना दी. बाद में ग्रामीणों, सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी की बातचीत में तय हुआ कि कचरूलाल गुर्जर को बकाया मानदेय प्रदान किया जाएगा. मौके पर मौजूद उपसरपंच दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि ग्राम पंचायत के पास दुकानों का किराया आता है और नल बिलों की राशि भी बकाया है इस राशि में से कचरूलाल गुर्जर को भुगतान किया जाए.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः जालोर के किसानों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, सैकड़ों हेक्टेयर खड़ी फसल हुई बर्बाद, जानें वजह

Topics mentioned in this article