जयपुर में पहली बार ड्रोन शो, 300 से अधिक ड्रोन से आसमान में उकेरा गया भारत का नक्शा, देखें रोमांचक वीडियो

Rajasthan Police Cyber Hackathon 1.0: साइबर सुरक्षा पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो दिवसीय साइबर हैकाथॉन 1.0 का आयोजन 17 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. हैकाथॉन की शुरुआत से पहले मंगलवार शाम जयपुर में पहली बार ड्रोन शो का आयोजन किया गया. जिसमें 300 से अधिक ड्रोन ने आसमान में भारत का नक्शा, राजस्थान पुलिस का प्रतीक चिह्न सहित कई आकृतियां उकेरी.

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Rajasthan Police Cyber Hackathon 1.0: मौजूद तकनीकी युग में साइबर क्राइम खूब बढ़ गया है. जागरुकता के अभाव में लोग इसके शिकार होते हैं. इस मुद्दें पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ साइबर क्राइम कंट्रोल करने वाले युवा एक्सपर्ट को एक मंच दिलाने के उद्देश्य से राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर सुरक्षा पर दो दिवसीय साइबर हैकाथॉन 1.0 का आयोजन 17 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. हैकाथॉन की शुरुआत से पहले मंगलवार शाम जयपुर में पहली बार ड्रोन शो का आयोजन किया गया. जिसमें 300 से अधिक ड्रोन ने आसमान में भारत का नक्शा, राजस्थान पुलिस का प्रतीक चिह्न सहित कई आकृतियां उकेरी. जयपुर में पहली बार हुए ड्रोन शो को देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस के वरीय अधिकारी भी पहुंचे थे. 

राजस्थान पुलिस अकादमी में हुए ड्रोन शो में 300 से ज्यादा ड्रोन से आसमान में अलग-अलग आकृतियां बनाई गईं. इसमें भारत का नक्शा बनाकर उसमें राजस्थान को दिखाया गया. इस कार्यक्रम को देखने के लिए पुलिस मुख्यालय और जयपुर कमिश्नरेट के अधिकारी भी पहुंचे.
 

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ड्रोन शो में विशेषज्ञों द्वारा ड्रोन तकनीक से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई. राजस्थान पुलिस पहली बार साइबर सुरक्षा पर 2 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इसमें 28 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.

एआई का सही इस्तेमाल भी बताया जाएगा

डीजी साइबर डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि साइबर सुरक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने, युवा और प्रतिभाशाली साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को एक मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 17-18 जनवरी को राजस्थान पुलिस साइबर हैकाथॉन 1.0 आयोजित कर रही है.  

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जयपुर ड्रोन शो में ड्रोन के जरिए आसमान में उकेरा गया भारत का नक्शा.


सभी प्रतिभागी हैकाथॉन के दौरान भविष्य की 12 चुनौतियों पर चर्चा कर हल निकालने का प्रयास करेंगे. इन चुनौतियों में पुलिस का फीडबैक सिस्टम विकसित करना, उन्हें एआई/एआर का प्रशिक्षण, कैमरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर खुद फैसले लेने में सक्षम बनना, एफआईआर का एआई व मशीन प्रोग्रामिंग से एकदम सही अधिनियम एवं धाराएं लगाना शामिल हैं. 

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डीप फेक और डार्क वेब पर भी होगी चर्चा

इसके अलावा फर्जी वेबसाइटस, आने वाले ऐड एवं कस्टमर केयर के नंबरों की पहचान करना, निजी स्वामित्व वाले कैमरों की जियो टैगिंग करने की प्रणाली विकसित करना, फाइनेनशियल फ्रॉड के डाटा का विश्लेषण करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाना, डीप फेक तकनीक का सहारा लेकर अपराध करने वालों को ढूंढना, 1930 हेल्पलाइन को और अधिक विकसित करना, एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित करना, डार्क वेब पर डाटा की मॉनिटरिंग एवं क्रिप्टाकरेंसी के पैसे की जांच करना जैसी चीजें शामिल हैं.


विजेताओं को मिलेगा 20 लाख का इनाम

डीजी साइबर क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पुलिस की चुनौतियां बढ़ गई हैं. सायबर अपराध अब एक चुनौती है. इससे निपटने के लिए पुलिसिंग में भी सायबर तकनीक का बेहतर इस्तेमाल जरूरी है. 36 घंटे की इस चर्चा से निकली चीजें साइबर सुरक्षा के लिए मददगार साबित होंगी.

इस हैकाथॉन के आखिरी फेज में टॉप तीन टीमों को साइबर हमलों को रोकने के लिए नई तकनीक के प्रजेंटेशन का मौका दिया जाएगा. इसमें विजेता रहने वालों को विभिन्न श्रेणियों में कुल 20 लाख रुपए के नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे. साथ ही सभी टीमों को राजस्थान पुलिस के साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम में भी शामिल किया जाएगा.

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