IAS टीना डाबी के अभियान से गरीबों की रोजी-रोटी पर संकट, सरकार का लोन चुकाना तो दूर.. भरण पोषण पर आफत

टीना डाबी के अभियान के चलते बाड़मेर शहर में वेडिंग जॉन में नगर परिषद से टोकन लेकर किराया जमा करवाकर ठेला और रिहेड़ी लगा रहे गरीब परिवारों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है.

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IAS Tina Dabi: देश की चर्चित IAS अधिकारी और बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी के शहरी सफाई अभियान को लेकर शुरू किए गए नवाचार नवों बाड़मेर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा हैं. इस अभियान के चलते बाड़मेर शहर में वेडिंग जॉन में नगर परिषद से टोकन लेकर किराया जमा करवाकर ठेला और रिहेड़ी लगा रहे गरीब परिवारों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. इस अभियान के बाद नगर परिषद और जिला प्रशासन ने इन गरीबों के ठेलो में हटाने नाम पर तोड़ फोड़ भी कर दी. जिससे ठेले और रेहड़ी संचालकों ने जबरदस्त रोष जताते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन भी सौंपा है.

क्या है नवों बाड़मेर अभियान और क्यों हो रहा हैं विरोध 

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने करीब 2 महीने पहले शहरी सफाई अभियान के तहत नवाचार करते हुए नवों बाड़मेर अभियान लॉन्च किया था. इस अभियान के तहत शहर में सुबह शाम दो समय कचरा संग्रहण प्रत्येक दुकान के आगे सफाई रखने और डस्टबिन लगाने के निर्देश दिए थे. ऐसा नहीं करने वालों के विरुद्ध चालान भी काटे गए थे. हालांकि उसे समय बाद यह अभियान राजनीति की भेंट चढ़ गया और नगर परिषद की आम सभा में इस अभियान में भ्रष्टाचार की गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद इस अभियान बंद करना पड़ा. लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी ने दो माह बाद इस अभियान को एक बार फिर शुरू किया है और इस अभियान की शुरुआत में ही शहर भर में दो वक्त की रोजी-रोटी की जुगाड़ में खड़े हाथ ठेले और रेहड़ियों को हटाया जा रहा है. इसको लेकर रेहड़ी और ठेला संचालक विरोध कर रहे हैं.

इनका कहना है कि नॉन वेंडिंग जोन में खड़े हाथ ठेलो और स्टॉल्स को हटाएं हम प्रशासन के साथ हैं. लेकिन जिला प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा वेंडिंग जोन में खड़े ठेलो को हटाया जा रहा है. जबकि हम लोग हर महीने नगर परिषद में किराया जमा करते हैं. नगर परिषद ने हमें टोकन दे रखे हैं. बावजूद इसके हमें हटाकर हमारी रोजी रोटी पर लात मारने का काम प्रशासन इस अभियान की आड़ में हमारे साथ कर रहा हैं ये गलत हैं.

दो वक्त का गुजारा हुआ मुश्किल लोन की किस्तें कहा से चुकाएं 

इन ठेला और रिहेड़ी संचालकों का कहना हैं जब भी शहर में कोई अभियान चलाया जाता है तो सबसे पहले हमें टारगेट किया जाता है. हम चाहते हैं कि शहर साफ सुथरा हो हम इसमें प्रशासन का सहयोग करने में सहमत हैं. लेकिन हमारा कोई स्थाई समाधान तो हो, हम लोग हर महीने नगर परिषद को किराया जमा कर आते हैं. प्रधानमंत्री की स्वनिधि योजना के अंतर्गत हमें लोन दे रखा है. अब प्रशासन ने हमारे ठेले बंद करवा दिए ऐसे में लोन की किस्त तो दूर परिवारों का भरण पोषण मुश्किल हो गया है. इसी विरोध प्रदर्शन के चलते सोमवार को बड़ी संख्या में ठेला और रेहड़ी संचालकों ने जिला कलेक्टर टीना डाबी के कार्यालय का घेराव कर स्थाई समाधान करने का ज्ञापन सौंपा.

पहले भी लग चुके है गंभीर आरोप

यह पहली बार नहीं हैं कि IAS टीना डाबी के इस अभियान का विरोध और आरोप लग रहे हो. पहले जब नवंबर में इस अभियान को शुरू किया गया था, उस समय नगर परिषद बाड़मेर के निवर्तमान पार्षदों नेता प्रतिपक्ष सहित सभापति ने इस अभियान में नगर परिषद की अनदेखी करने,भामाशाहों के नाम पर निजी फर्मों के बोर्ड उनका प्रचार प्रसार करने और कचरा संग्रहण में टेंडर के तहत लिए गए रिक्शाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.और नगर परिषद की आखिरी आम सभा में इस अभियान को लेकर जबरदस्त हंगामा भी हुआ था.

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