Dungarpur: बिना डॉक्टर चल रहा था प्राइवेट अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग ने किया सील; भर्ती मिलीं 2 प्रसूता

एसीएमएचओ डॉ विपिन मीणा ने बताया कि  मौके पर मौजूद एडमिशन फॉर्म में किसी भी गायनिक डॉक्टर व अन्य किसी डॉक्टर के साइन नहीं पाए गए. अस्पताल में भारी अनियमितता देखने को मिली. जिस पर अस्पताल को सील कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Rajasthan News: डूंगरपुर स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार देर शाम जिला अस्पताल के पास बने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में छापेमारी की. अधिकारियों ने देखा कि बिना गायनिक डॉक्टर के ही यहां महिलाओं की डिलेवरी करवाई जा रही थी. वहीं मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस अस्पताल को सील कर दिया और आगे की कार्रवाई शुरू की.

'लगातार मिल रही थीं शिकायतें'

सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता ने बताया कि श्रीराम चिकित्सालय के नाम से चल रहे इस अस्पताल की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इस पर एडिशनल सीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा के नेतृत्व में अचानक निरीक्षण किया गया. टीम को इस दौरान कई अनियमितताएं मिलीं, जिनके बारे में जब स्टॉफ से पूछा गया तो किसी ने जवाब नहीं दिया. यहां हो रहे नियम विरूद्ध कार्यों को देखते हुए अस्पताल को सीज कर दिया गया. 

'बिना ट्रेनिंग काम कर रहा स्टाफ'

सीएमएचओ ने बताया कि राम अस्पताल का पूर्व में रजिस्ट्रेशन किया गया था. लेकिन निरीक्षण के दौरान रजिस्टर्ड डॉ. जिगनेश डामोर और संचालक देवीलाल हडात मौके पर नहीं मिले. राम अस्पताल का रजिस्टर्ड डॉ जिगनेश डामोर एमबीबीएसधारी ही है. इसलिए राम अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पूर्व में सिर्फ डे-केयर (ओपीडी) के लिए ही किया गया था. लेकिन मौके पर अस्पताल में गर्भवती महिला मनीषा ननोमा व प्रसूता भंवरी ननोमा भर्ती पाई गई. अस्पताल द्वारा किसी भी प्रकार से विशेषज्ञ गायनिक डॉक्टर से एमओयू  नहीं किया गया था. अस्पताल में बिना ट्रेंड स्टाफ की ओर से डिलेवरी करवाई जा रही थी. 

'किसी डॉक्टर के साइन नहीं मिले'

एसीएमएचओ डॉ विपिन मीणा ने बताया कि  मौके पर मौजूद एडमिशन फॉर्म में किसी भी गायनिक डॉक्टर व अन्य किसी डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं पाए गए. अस्पताल में भारी अनियमितता देखने को मिली. जिस पर अस्पताल को सील कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी. टीम मे एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा, बीसीएमओ डॉ जयेश परमार, जिला औषधि नियंत्रण विशाल जैन, एनयूएचएम डीपीएम मनीष शर्मा व डीपीसी डॉ  किशोरलाल वर्मा शामिल थे.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- खाटू श्याम का दर्शन कराकर की हत्या, देह व्यापार के धंधे से निकलना चाहती थी युवती