
Tendu Leaves Dungarpur: डूंगरपुर जिले के वन विभाग द्वारा इस वर्ष तेंदूपत्ते के लिए संभाग स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जिले की सभी 9 इकाइयों के ठेके हो चुके हैं, जिससे वन विभाग को कुल 1 करोड़ 6 लाख 34 हजार 779 रुपए की आय होगी. इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण से हजारों वनवासियों को रोजगार मिलेगा, जिससे उन्हें करीब 1 करोड़ 50 लाख रुपए की आय होगी.
तेंदूपत्ता बीड़ी उद्योग में काम आता है और इसके संग्रहण से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है, जबकि वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है.
एक बोरे की क़ीमत 1400 रुपये तय की गई
डूंगरपुर जिले के जंगलों में तेंदूपत्ते की भरपूर उपलब्धता को देखते हुए वन विभाग ने संभाग मुख्यालय पर नीलामी आयोजित की है. जिले के उपवन संरक्षक रंगास्वामी ने बताया कि 9 वन खंडों में तेंदूपत्ते की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है. राज्य सरकार ने भी वनवासियों को लाभ देने के लिए प्रति मानक बोरा की दर में वृद्धि करते हुए 1400 रुपए तय किए हैं. हर साल औसतन 11 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता इकठ्ठा किया जाता है, जिससे स्थानीय आदिवासियों को अच्छा मुनाफा होता है.
इन वन क्षेत्रों से होगी इतनी आमदनी
तेंदूपत्ता नीलामी से प्राप्त राशि विभिन्न वन इकाइयों से आएगी, जिसमें सबसे ज़्यादा आय वेड वनक्षेत्र से होगी, जहां 31 लाख 17 हजार रुपए की आमदनी होगी. वहीं, रतनपुर से 16 लाख 37 हजार 777 रुपए और बिछीवाड़ा से 24 लाख 86 हजार रुपए की कमाई होगी. अन्य वन क्षेत्रों से भी अच्छी आय होने की संभावना है, जिससे वन विभाग और वनवासियों दोनों को आर्थिक लाभ होगा.
इसके अलावा वेड से 31,17,000, डाकनमारिया से 8,88,888, रतनपुर से 16,37,777, बिछीवाड़ा से 24,86,000, झरनी से 4,51,000, चारवाड़ा से 2,25,111, अंबाड़ा से 2,786, आंतरी से 5,06,666 और निठाउवा से 11,21,551 रुपये की आमदनी होगी.
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