Fake e-commerce products: इस साल जनवरी से जून तक ई-कॉमर्स में नकली और डुप्लीकेट उत्पादों की बिक्री से संबंधित 7,221 शिकायतें दर्ज की गईं. जबकि पिछले साल के दौरान 4,997 शिकायतें दर्ज हुई थीं. उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े गोदामों में कुल 22 तलाशी और जब्ती अभियान चलाए हैं. इनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में तीन-तीन तलाशी और जब्ती अभियान; राजस्थान और तमिलनाडु में दो-दो तलाशी और जब्ती अभियान; और गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में एक-एक तलाशी और जब्ती अभियान शामिल हैं.
यह है ई-कॉमर्स नियम- 2020 का प्रावधान
मंत्री ने कहा कि ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार प्रथाओं से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 अधिसूचित किए हैं. इन नियमों के प्रावधानों के अनुसार, ई-कॉमर्स संस्थाओं को मौजूदा बाज़ार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं पर कोई भी अनुचित मूल्य थोपकर अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म पर दी जाने वाली वस्तुओं या सेवाओं की कीमत में हेरफेर करने की अनुमति नहीं है.
मनमाना वर्गीकरण नहीं कर सकते प्लेटफॉर्म
नियम इन संस्थाओं को एक ही वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच भेदभाव करने या अधिनियम के तहत उनके अधिकारों को प्रभावित करने वाले उपभोक्ताओं का मनमाना वर्गीकरण करने से भी रोकते हैं. इसके अलावा, नियमों में प्रावधान है कि कोई भी ई-कॉमर्स संस्था अपने प्लेटफ़ॉर्म पर व्यापार के दौरान या अन्यथा, कोई भी अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं अपनाएगी.
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 पर, रिलायंस रिटेल, टाटा संस समूह, ज़ोमैटो, ओला और स्विगी सहित 13 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा अंतिम रूप दिए गए "सुरक्षा प्रतिज्ञा" पर हस्ताक्षर किए. सीसीपीए ने "डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023" भी जारी किए हैं, जिसमें ई-कॉमर्स क्षेत्र में पहचाने गए 13 विशिष्ट डार्क पैटर्न सूचीबद्ध हैं.
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