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राजस्थान में जल जीवन मिशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की पहली गिरफ्तारी, जानिए कौन है पीयूष जैन

Jal Jeevan Mission Scam: राजस्थान में जल जीवन हरियाली मिशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने पहली गिरफ्तारी की है. इस मामले की जांच में जुटी ईडी ने पीयूष जैन नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

राजस्थान में जल जीवन मिशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की पहली गिरफ्तारी, जानिए कौन है पीयूष जैन
प्रवर्तन निदेशालय.

Jal Jeevan Mission Scam: राजस्थान में जल जीवन हरियाली मिशन से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी की है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि इसने राजस्थान में ‘जल जीवन मिशन' में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में पीयूष जैन नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.संघीय एजेंसी ने कहा कि पीयूष को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जयपुर में गठित एक विशेष अदालत ने उसे ईडी की चार दिनों की हिरासत में भेज दिया. मामले में ईडी द्वारा की गई यह पहली गिरफ्तारी है.

श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक का बेटा गिरफ्तार

ईडी का यह मामला भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है. एसीबी के मामले में यह आरोप लगाया गया है कि पद्मचंद जैन (श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक), महेश मित्तल (श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक), पीयूष जैन और अन्य व्यक्ति अवैध संरक्षण एवं निविदा हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में संलिप्त हैं.उन पर बिल मंजूर कराने और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से हासिल की गई निविदाओं में अपने द्वारा किये गए कार्य में हुई अनियमितताओं को ढंकने का भी आरोप है.

कौन है पीयूष जैन

पीयूष जैन जल जीवन मिशन घोटाले के आरोपी पद्मचंद जैन का बेटा है. पीयूष को चार दिन की रिमांड पर भेजा गया है. एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये संदिग्ध व्यक्ति हरियाणा से चोरी की वस्तुएं खरीदने में भी संलिप्त रहे हैं और इनका इस्तेमाल अपने ठेकों में किया तथा विभाग के ठेके हासिल करने के लिए काम पूरे होने के सिलसिले में फर्जी प्रमाण पत्र जमा किये. ईडी ने कहा है कि पीयूष इन आरोपी कंपनियों के कामकाज का प्रबंधन करता था और उसने 3.5 करोड़ रुपये भी प्राप्त किये थे जो अपराध से अर्जित की गई थी.

एजेंसी ने दावा किया कि पीयूष के मोबाइल फोन के ‘कॉल डेटा रिकॉर्ड' (सीडीआर) के विश्लेषण में यह पाया गया कि वह पीएचईडी के अधिकारियों को प्रभावित भी कर रहा था.इसने कहा कि पीयूष को कई समन जारी किये गये थे लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ था.

ईडी ने कहा कि इसकी जांच से पता चला है कि पद्मचंद जैन और महेश मित्तल ‘इरकॉन' कंपनी द्वारा जारी किए गए कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर तथा पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन के कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करते थे.

यह भी पढ़ें - EXPLAINER : क्या है राजस्थान का जल जीवन मिशन घोटाला मामला, समझें

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