प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम मामले में समन मिलने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत सोमवार सुबह 11:30 बजे दिल्ली मुख्यालय पर पूछताछ के लिए पेश हुए. उन्हें सुबह करीब 3 घंटे की पूछताछ के बाद में 1 घंटे का लंच ब्रेक दिया गया उसके बाद वो दोबारा प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय में पेश हुए और रात करीब 8:30 बजे वो वहां से निकले. उन्हें ED ने 16 नवंबर दोबारा बुलाया है.
ED ऑफिस से बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि करीब 10 से 12 साल पुराने मामले में उन्हें बुलाया गया है और उनका इस मामले में किसी भी तरह का कोई भी संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं इसलिए ईडी उन्हें जानबूझकर परेशान कर रही है.
मैंने जांच में पूरा सहयोग किया है - वैभव गहलोत
सोमवार को वैभव गहलोत की तरफ से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया. जिसमें उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि, मैं फेमा अधिनियम 1998 के तहत जारी समन के क्रम में कम समय दिए जाने के बावजूद उपस्थित हुआ हूं और जांच में पूरा सहयोग किया है. वैभव ने कहा कि उन्होंने उठाए गए सभी सवालों का समुचित उत्तर दिया है लेकिन मीडिया में यह झूठ फैलाया जा रहा है पर मैं यह बता देना चाहता हूं कि मेरा किसी भी विदेशी संपत्ति अथवा फंडिंग से कोई वास्ता नहीं है.
' मीडिया ग़लत सूचनाएं फैला रहा है '
वैभव गहलोत ने मामले में मीडिया के द्वारा ग़लत जानकारी प्रस्तुत करने के बारे में भी कहा. उन्होंने कहा कि मीडिया में बहुत सारी बे-बुनियाद और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. मेरा अनुरोध है कि बिना तथ्यात्मक जानकारी के इन पर भरोसा ना किया जाए मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं और देश में लागू सभी कानून का मैंने पूरी तरह से पालन किया है.
मालूम हो कि 25 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने वैभव गहलोत को 26 अक्टूबर को ED ऑफिस में पेश होने के लिए समन भेजा था. लेकिन समय पर नोटिस नहीं मिलने का हवाला देकर उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से समय मांगा जिसके बाद 30 अक्टूबर की तारीख दी गई थी.
' प्रदेश में चुनाव हैं इसलिए परेशान किया जा रहा है '
आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत पर आरोप है कि उनकी कंपनी पर सेल कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपए मॉरीशस भेजने के आरोप है हालांकि गहलोत ने इस बात से इंकार किया और कहा कि उनका फेमा के तहत जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बिल्कुल गलत है और 10 से 12 साल पुराना मामले में वह अपना जवाब पहले भी भी दे चुके हैं लेकिन अब दोबारा चुनाव को देखते हुए उन्हें नोटिस दिया गया है.
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