Rajasthan: लाइसेंस की आड़ में चल रहा था ड्रग रैकेट, राजस्थान समेत 4 राज्यों में ED की छापेमारी में खुलासा

Chittorgarh News: राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की कार्रवाई की. इस दौरान अवैध अफीम व्यापार से अर्जित संपत्ति रिकॉर्ड समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

ED raid in Rajasthan: राजस्थान समेत 4 राज्यों में चल रहे ड्रग रैकेट के खिलाफ ईडी ने शिकंजा कसा. अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की. चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कई ठिकानों पर पीएमएलए-2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया. इस ऑपरेशन में मुख्य आरोपी गोपाल लाल अंजना (राजस्थान), छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल (हरियाणा), उनके भतीजे यादविंदर सिंह और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई. हालिया छापों में आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति रिकॉर्ड बरामद हुए, जबकि दो उच्च मूल्य की आवासीय संपत्तियां और कई कृषि भूमि के प्लॉट जब्त कर लिए गए. एजेंसी के मुताबिक, ये तस्कर नेटवर्क ब्लैक मनी खपाने का जरिया भी बना है.

अवैध व्यापार से खड़ा किया साम्राज्य

ईडी का दावा है कि ये संपत्तियां अवैध अफीम व्यापार से अर्जित 'अपराध की आय' (पीओसी) हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है. यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस की नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस), 1985 के तहत दर्ज एफआईआर पर आधारित है. छिंदरपाल सिंह, यादविंदर सिंह, गोपाल लाल अंजना, भोला सिंह और हरजीत सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुके हैं.

ऐसे चल रहा था पूरा नेटवर्क

जांच में यह भी सामने आया कि छिंदरपाल और यादविंदर ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ निवासी गोपाल लाल अंजना से अफीम की खरीदारी की. खेप का एक हिस्सा भोला सिंह, जसमीत सिंह और हरजीत सिंह को बेचा गया, जबकि बाकी जब्त कर ली गई.

गोपाल अंजना ने कथित तौर पर अपने परिवार को जारी अफीम लाइसेंस का दुरुपयोग किया, जिससे वैध खेती के नाम पर अवैध व्यापार फल-फूल रहा था. जसमीत और हरजीत सिंह ने भी छिंदरपाल से अफीम खरीदने की पुष्टि की है.

Advertisement

कई वर्षों से चल रहा था सिलसिला

ईडी अधिकारियों ने बताया कि यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था. छिंदरपाल सिंह का आपराधिक इतिहास लंबा है, उन्हें 2 फरवरी 2006 को एनडीपीएस की धारा 17 और 18 के तहत एफआईआर 34 में दोषी ठहराया गया. वहीं, 1 फरवरी 2022 की एफआईआर 68 में भी धारा 17 के तहत उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में अब तक सबसे बड़ी मादक पदार्थ कार्रवाई, 50 बीघा से अधिक गांजे की खेती पकड़ी