Rajasthan News: राजस्थान में काफी सारे बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके बिजली कनेक्शन काटे गए हैं. इसमें वह उपभोक्ता शामिल हैं जिनके बिजली बिल बकाये हैं या कुछ अन्य कारणों से कनेक्शन काट दिये गए हैं. इन उपभोक्ताओं को कनेक्शन फिर से बहाल कराने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा 'एमनेस्टी योजना' (Amnesty Scheme) लाई गई है. हालांकि इस योजना के तहत उन्हीं उपभोक्ताओं के कनेक्शन हो सकते हैं जिनकी बिजली 31 दिसंबर 3023 तक काटी गई है.
राज्य बजट घोषणा 2024-25 की अनुपालना में ऊर्जा मंत्री के निर्देशानुसार ऊर्जा विभाग ने दिसम्बर, 2023 तक कटे हुए सभी श्रेणी के विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एमनेस्टी योजना लागू की है.
पहले योजना का लाभ लिये लोगों को नहीं मिलेगा दोबारा लाभ
एमनेस्टी योजना के प्रावधानों के अनुसार 31 दिसम्बर, 2023 तक के कटे सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता 31 दिसम्बर, 2023 तक की बकाया राशि बिना ब्याज/पेनल्टी के एकमुश्त जमा करा सकेंगे. यह योजना उन उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है, जिन्होंने विगत तीन वर्षों में ऐसी योजना का लाभ लिया जा चुका है. यानी जो पहले भी दोबारा कनेक्शन करवाने के लिए इस तरह की योजना का लाभ ले चुके हैं उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा.
इस अलावा इस योजना के अंतर्गत चोरी/दुरुपयोग के मामले शामिल नहीं किये जायेंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिये उपभोक्ताओं को संबंधित सहायक अभियंता कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
कृषि कनेक्शन टीसीओएस-2021 के तहत जोड़ सकेंगे
इसी प्रकार कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के कटे हुए कनेक्शनों को कृषि नीति के प्रचलित प्रावधानों के अनुसार तथा अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के कनेक्शन टीसीओएस-2021 के प्रावधानों के अनुसार जोड़े जा सकेंगे. जिन उपभोक्ताओं का विद्युत बिल राशि सम्बंधित कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है, उनको एमनेस्टी योजना का लाभ तभी मिल सकेगा जब प्रकरण वापस ले और प्रकरण वापसी की स्वीकृति प्रस्तुत करें.
योजना के अनुसार यदि उपभोक्ता का मूल बकाया से संबंधित कोई विवाद है एवं वह निस्तारण करवाना चाहता है तो उसे पहले संबंधित आन्तरिक शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ / उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में आवेदन करना होगा एवं संबंधित फोरम के निर्णयानुसार ही एमनेस्टी योजना का लाभ लिया जा सकता है. ऐसे मामलों में उपभोक्ता को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि फोरम द्वारा किया गया निर्णय उसे स्वीकार्य है एवं न्यायालय से प्रकरण (यदि कोई हो) तो वापिस ले लिया गया है.
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