Rajasthan News: अगर आप भी सर्दी की छुट्टियों में राजस्थान घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आप ही के लिए हैं. जयपुर के आमेर किले में अब आप कम पैसे देकर हाथी की सवारी कर सकेंगे. पुरातात्विक विभाग ने हाल ही में नई रेट लिस्ट जारी करते हुए महल में हाथी सवारी का किराया 1000 रुपये तक कम कर दिया है. यानी अब आपको आमेर किले में हाथी की सवारी के लिए सिर्फ 1500 रुपये ही देने होंगे. पहले यह किराया 2500 रुपये था. नई दरें 10 जनवरी 2025 से लागू हो गई हैं.
3 महीने में बदले दाम
आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के इस फैसले से देशी-विदेशी पर्यटकों में खुशी की लहर है. वहीं किराया कम होने से हाथी पालकों में नाराजगी देखी जा रही है, क्योंकि 1 अक्टूबर 2024 को हाथी सवारी का किराया 1100 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया था. अधिकारियों की मानें तो किराया 2500 रुपये करने से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है, इसीलिए पर्यटन विभाग ने किराया 1500 रुपये करने का निर्णय लिया है.
हाईकोर्ट गए थे हाथी मालिक
नवंबर 2024 में पुरातत्व विभाग के इस फैसले के खिलाफ हाथी मालिक हाईकोर्ट पहुंच गए थे. उनका कहना था कि हाथी पालना काफी खर्चे का काम है. सरकार ने जो दरें तय की हैं, उससे खर्च चलाना मुश्किल है. याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, एक हाथी को पालने में 3500 से 4 हजार रुपए तक खर्च आता है. रेट बढ़ने से मालिकों को राहत मिली थी. रेट कम होने से महंगाई के कारण मालिकों पर भार पड़ रहा है.
हर साल 5% बढ़ेगा किराया
बाद में पुरातत्व विभाग ने बैठक करके तय किया कि हाथी सवारी का किराया हर साल 5 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा और हर 5 साल बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. इससे हाथी पालकों को भी राहत मिलेगी. वहीं आमेर दुर्ग घूमने आने वाले पर्यटकों की जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
आमेर किले में 2 पर्यटक 1 हाथी पर बैठकर करीब 1 KM की दूरी तय करते हैं. महल के गेट से पर्यटक को हाथी पर बैठाया जाता है. इसके बाद हाथी पर्यटक को लेकर किले में जाता है और पूरा राउंड लगाकर वापस नीचे गेट पर छोड़ देता है. हाथी की सवारी सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक होती है.
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