Rajasthan: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जयपुर घुमाने के पीछे क्या है प्रधानमंत्री की रणनीति?

Emmanuel Macron Visit to India: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों अपनी भारत यात्रा की शुरुआत जयपुर से करने वाले हैं. उनका विमान आज दोपहर 2:30 बजे जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा.

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पीएम मोदी. (फाइल फोटो)

Emmanuel Macron Visit to Jaipur: 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों आज भारत आएंगे. 26 जनवरी को मैक्रों दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. लेकिन उससे पहले गुरुवार को वो जयपुर आएंगे. यहां उनके जयपुर शहर के भ्रमण का कार्यक्रम है. राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री मोदी जयपुर के कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे. वे हवा महल, आमेर फोर्ट और जंतर-मंतर जाएंगे.

सवाल यह है कि मैक्रों को भ्रमण करवाने के लिए गुलाबी शहर जयपुर को ही क्यों चुना गया? इसके कई सारे जवाब हैं. कई सारी वजहे हैं. दरअसल, यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के जरिये व्यापार और कूटनीतिक सन्देश देना चाह रहे हैं. जयपुर शहर एक ऐतहासिक विरासत वाला शहर है, जहां आधुनिकता और हेरिटेज का खास संगम है.

जयपुर हैंडीक्राफ्ट को मिलेगी पहचान

जयपुर में भारत में हैंडीक्राफ्ट का बड़ा मार्केट है. हालांकि पिछले 3 साल से हैंडीक्राफ्ट के मार्केट में काफी गिरावट आई है. प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों हवाल महल के सामने से हैंडीक्राफ्ट के आइटम्स की खरीददारी करेंगे, चाय की थड़ी पर चर्चा करेंगे, जिससे जयपुर के हैंडीक्राफ्ट की पहचान दुनियां में और अधिक मजबूत होगी. 

पर्यटन को मिलेगा बूस्ट 

जयपुर भारत में पर्यटन का बड़ा हब है. उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर से नजदीक होने की वजह से इसकी अहमियत और बढ़ जाती है. खासतौर पर जुलाई और अगस्त के महीने में यहां फ्रांस से काफी अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं. राष्ट्रपति मैक्रों के इस दौरे से इसमें और बढ़ोतरी होगी. भारत की सॉफ्ट पहचान को और अधिक मजबूती मिलेगी. 

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ऐतिहासिक विरासत को संजोने की कोशिश 

जयपुर ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध है. जयपुर मध्यकालीन भारत का योजनाबद्ध तरीके से बसाया हुआ शहर है. आमेर किला और हवामहल UNESCO की हेरिटेज साइट में आता है. जयपुर का जंतर-मंतर मध्यकालीन भारत की पहली एस्ट्रोनॉमिकल साइट है. इन सब के जरिये प्रधानमंत्री मोदी भारत की ऐतिहासिक संस्कृति को विश्वपटल पर ले जाना चाहते हैं. 

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