बूंदी जिला अस्पताल में एक महिला रोगी को ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत हो गई. इस मामले को लेकर मृतक के परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर करीब 3 घंटे तक हंगामा काटा और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आईसीयू के बाहर धरने पर बैठ गए. हंगामे से नाराज डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर कार्य बहिष्कार कर दिया.
सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस व अस्पताल अधीक्षक मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया. इस बीच परिजनों और प्रशासन के बीच नोंकझोक भी हुई. गुस्साए परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी धक्कामुक्की की. मामला बढ़ता देख उपखण्ड अधिकारी सोहनलाल व पुलिस उपाधीक्षक ओमेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे.
हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस जवानों ने बीच बचाव किया. डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते अस्पताल के अन्य मरीजों को बहुत परेशानी हुई. डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर एकत्रित होकर हंगामे को लेकर नाराजगी जताई. देखते-देखते अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई.
परिजन मरीज को लेकर पहुंचे, लेकिन इस दौरान खाली सिलेंडर ऑक्सीजन का लगा दिया गया, जिसके चलते महिला की मौत हो गई. परिजनों ने दोषियों पर कार्रवाई करने की लिखित रिपोर्ट दी है, जिस पर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, तब जाकर मामला शांत हुआ. हालांकि परिजनों ने मृतका का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया.
उधर, घंटों चले इस विवाद के बाद डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया और कार्य पर नहीं लौटे. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक पोस्टमार्टम नहीं होगा, सच सामने नहीं आएगा. डॉक्टरों ने मांग कि जिन लोगों ने आईसीयू में धरना दिया है उन पर भी कार्रवाई की जाए.
आखिर एसडीएम सोहनलाल जाट के समझाने बुझाने के बाद चिकित्सक मान गए और करीब 3:30 घंटे बाद काम पर वापस लौटे. वहीं परिजनों ने जिस सिलेंडर में ऑक्सीजन खाली होने का आरोप लगाया था. उसे भी प्रशासन ने जब्त करवा दिया है और इसका पंचनामा बनवाकर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया है.