करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिक के परिवार से लाखों की ठगी, एजेंट ने पहले दिलाया लोन फिर उड़ा लिये 27 लाख

परिजनों ने शहीद के नाम से आवंटित पेट्रोल पंप और सामाजिक सरोकार के लिए बिजनेस लोन लिया था. वहीं जब उन्होंने इस लोन को खत्म करने के लिए लोन एजेंट को पैसे दिए तो उस पैसे को लेकर वह फरार हो गया.

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Rajasthan News: राजस्थान में ठगी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा. जहां ऑनलाइन ठगी से लोग परेशान है. वहीं अब लोन एजेंट के द्वारा ठगी का मामला सामने आया है. जोधपुर में अब करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिक के परिवार से लोन एजेंट ने  27 लाख 98 हजार 409 रुपए की ठगी कर ली. परिजनों ने शहीद के नाम से आवंटित पेट्रोल पंप और सामाजिक सरोकार के लिए बिजनेस लोन लिया था. वहीं जब उन्होंने इस लोन को खत्म करने के लिए लोन एजेंट को पैसे दिए तो उस पैसे को लेकर वह फरार हो गया.

लोन एजेंट ने शहीद के परिवार को बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के लोन को बंद करवाने का झांसा दिया था. इसके बाद लोन के पैसे को उसने अपने खाते में ट्रांसफर करवाए साथ ही कुछ चेक भी लिये. लेकिन पैसे को एजेंट ने जमा नहीं करवाया. वहीं बाद में परिवार को लोन न बंद होने का नोटिस मिला तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ.

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2006 से चल रहा पेट्रोल पंप

जब लोन खत्म नहीं होने का पता चला तो शहीद के बड़े भाई ने लोन एजेंट के खिलाफ डांगियावास थाने में मामला दर्ज करवाया. डांगियावास थाना अधिकारी मनोज परिहार ने बताया कि खेड़ी चारणान निवासी अध्यापक भागीरथ जाखड़ ने रिपोर्ट दी.  इसमें बताया गया कि उसके छोटे भाई कालूराम जाखड़ जो कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. उनकी शहादत के बाद भारत सरकार ने जोधपुर-जयपुर हाइवे पर एक इंडियन ऑयल कंपनी का पेट्रोल पंप आवंटित किया था. जो साल 2006 से लगातार संचालित हो रहा है. जिसका लाइसेंस शहीद की मां केली देवी और पत्नी संतोष देवी के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस पेट्रेाल पंप की सारी लेन-देन की निगरानी उसी (परिवादी) के पास है.

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क्लोजिंग फीस न लगने का दिया झांसा

पेट्रोल पंप के सुचारू संचालन के लिए और घरेलू सामाजिक सरोकार के लिए एक बिजनेस लोन लिया था. जो डीएसए का काम करने वाले लोन एजेंट प्रवेश कुमार सिंह ने दिलवाया था. कुछ समय बाद अलग-अलग लोन के चलते परिवादी ने प्रवेश कुमार को बिजनेस लोन खत्म करवाने को कहा, तब लोनिंग एजेंट प्रवेश कुमार ने परिवादी को आश्वस्त किया कि उसे सीधे रुपए ट्रांसफर कर दें. वह बिना कोई क्लोजिंग फीस और अन्य चार्ज के लोन बंद करवा देगा. परिवादी ने अपने और अपनी मां के खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर 27,98,409 रुपए प्रवेश कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए. कुछ चेक भी दे दिए. लेकिन लोनिंग एजेंट ने ना तो लोन बंद करवाया और ना ही वापस रुपए लौटाए.

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