ड्रोन से एक एकड़ खेत में मात्र 10 मिनट में हो रहा यूरिया का छिड़काव, बना आकर्षण का केंद्र

टोंक के छान, भरनी, पालड़ा और डारड़ाहिन्द में जब किसानों ने खेतो में ड्रोन उड़ता देखा तो किसानों ने इस तकनीक को लेकर उत्साह दिखाया और कृषि अधिकारियों से इसके फायदे जाने.

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ड्रोन के जरिए यूरिया छिड़काव का प्रदर्शन दिखाते अधिकारी.
टोंक:

Tonk News: विदेशों में ड्रोन के माध्यम से खेती में फसलों पर खाद और कीटनाशकों का छिड़काव की तकनीक अब जल्द ही राजस्थान के टोंक सहित पूरे भारत में 'विकसित भारत यात्रा' के दौरान देखने को मिलेगी. टोंक जिले के गाँवो में कृषि विभाग नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है, इसकी बानगी देखने को मिल रही है.

1 एकड़ खेत में ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव महज 10 मिनट में हो जाता है. वहीं एक बार में 8 लीटर क्षमता वाले ड्रोन में 16 एमएल नैनो यूरिया डाला जाता है. नैनो यूरिया को किसान स्प्रे टंकी के माध्यम से उपयोग में ले सकते है. 

समय बचेगा और आय बढ़ेगी 

भारत के किसानों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ड्रोन का प्रदर्शन कर नैनो यूरिया का महत्व समझाया जा रहा है.  नैनो यूरिया से किसान अपना समय बचत तो कर ही सकता है. वहीं इसके उपयोग से किसानों के खेत की उर्वरक क्षमता भी बढ़ेगी और किसान की जमीनों को ठोस यूरिया के कारण होने वाले नुकसानों से भी बचाया जा सकता है.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के. के. मंगल

बताया गया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत गांव डारडा हिन्द में जिला कलेक्टर ओम प्रकाश बैरवा ने कहा कि किसान अपने खेतों में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर दवा एवं नैनो उर्वरक का छिड़काव कर कम समय में कीट व्याधि के नियंत्रण हेतु दवा का छिड़काव आसानी से कर सकते है.

ड्रोन तकनीक का कृषि में उपयोग करने एवं किसानों को इसके प्रति जागरूक करने से युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करने में सहायता होगी. साथ ही किसान सामूहिक रूप से ड्रोन का इस्तेमाल कर लागत में कमी एवं समय की बचत कर अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगे.

जानिए क्या है विकसित भारत संकल्प यात्रा

केंद्र सरकार द्वारा संचालित सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी आमजन तक पंहुचाने उद्देश्य से राजस्थान में विकसित संकल्प भारत यात्रा की शुरुआत की गई है. इस यात्रा का शुभारम्भ 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा वर्चुवली उद्घाटन कर राजस्थान के 50 जिलों में किया गया है. साथ ही राजस्थान की सभी 200 विधानसभाओं में 11 सरकारी योजनाओं के पोस्टर वाला एलईडी रथ भी पंहुच रहा है. और केम्प लगाकर केन्द्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है.

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संयुक्त निदेशक के निर्देशन में ग्रामीणों को ड्रोन का प्रयोग करना सिखाया गया 

200 विधान सभा में 200 रथ

राजस्थान में शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक साथ 200 विधान सभाओं में 200 रथ केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पंहुचाने के लिए जाएंगे. इन रथों को सरकार की पीएम उज्ज्वला योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम मुद्रा लोन, पीएम आवास योजना जैसी लगभग 17 योजनाओं के पोस्टर लगे होने के साथ ही एक एलईडी भी लगी है.

भारत विकसित यात्रा टोंक जिले की 233 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण इलाकों के साथ शहरी इलाकों में भी पंहुचेगी. 

16 दिसम्बर से मोदी ने की शुरुआत

जिस पर केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभान्वितों के वीडियो और योजनाओं की जानकारी के वीडियो दिखाए जा रहे है. इस यात्रा का शुभारम्भ राजस्थान के टोंक जिले में 16 दिसम्बर को कृषि ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्चुअल  किया गया था.

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सभी अधिकारी रहेंगे मौजूद 

टोंक जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि टोंक जिले में चार रथों द्दारा कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. प्रथम सप्ताह में घोषित कार्यक्रम के अनुसार एक दिन में दो पारियों में दो ग्राम पंचायतों में यह शिविर आयोजित किये जायेंगे. जिसमे उपखण्ड अधिकारी से लेकर तहसीलदार, विकास अधिकारी, आदि अधिकारियों के साथ ही अन्य सभी महकमो के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

वही जिला कलेक्टर से लेकर अन्य जिला स्तर के अधिकारी भी इसकी मॉनीटिरिंग कर गांव-गांव घूमकर कर रहे है. इतना ही नहीं शिविर स्थलों पर सरकार की योजनाओ से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी के आयोजन भी किये जा रहे है.

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