चुरू जिले के किसान इन दिनों बिजली कटौती की भारी समस्या से जूझ रहे हैं. सही प्रकार से बिजली नहीं मिलने के चलते किसानों की फसल चौपट हो रही है. ऐसे में किसानों ने अब आंदोलन शुरू कर दिया है. जिले में लो वोल्टेज और लचर बिजली आपूर्ति से नाराज होकर किसान हर रोज विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
गौरतलब है अधिकारियों से कई बार गुहार लगाने के बाद भी किसानों की समस्या जस की तस पड़ी है. ऐसे में अब किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को बिजली की समस्या को लेकर सुबह चार बजे ही मेहरासर चाचेरा GPS के आगे आठ गांवों के किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना कर शुरू कर दिया.
किसानों ने बताया कि 700 कृषि कनेक्शनों और 4000 घरेलू कनेक्शनों की सप्लाई को बंद कर दिया गया है। बिजली विभाग के अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई, ऐसे में मजबूर होकर अब उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है.
राणासर के सरपंच सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बिजली विभाग 6 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है जबकि हकीकत में किसानों के पास 1 घंटे ही बिजली नहीं मिल रही है. कभी-कभी तो 24 घंटे तक थ्री फेस में बिजली सप्लाई नहीं आती है. इस कारण हमारी फसल चौपट हो रही है.
मेहरासर जीएसएस के अंतर्गत आने वाले मेहरासर चाचेरा, राणासर बिकान, आसलसर, अडमालसर, बरडासर, दुलरासर, अजीतसर आदि गांवो में 700 कृषि कनेक्शन पर बिजली सप्लाई नहीं मिल रही है. जिसके कारण किसानों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है. किसान विक्रम सिंह राठौड़ और नाथूराम देहडु ने बताया कि अगर आज समाधान नहीं किया गया तो मेगा हाईवे को जाम किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदेही प्रशासन की होगी।
किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखकर मौके पर कनिष्ठ अभियंता पहुंचे लेकिन किसानों ने कनिष्ठ अभियंता से बात करने के लिए इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर बिजली विभाग के उच्च अधिकारी वार्ता करने के लिए आएंगे तभी हम वार्ता करेंगे अन्यथा हम मजबूर होकर मेगा हाईवे को जाम करेंगे.
सहायक अभियंता बोले- वरीय अधिकारियों को दी गई सूचना
ग्रामीण बिजली कार्यालय के सहायक अभियंता विनोद कुमार मीणा ने बताया कि किसानों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए हमने सर्वे करवा कर वरीय अधिकारियों को नए फीडर की लाइन डालने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. उन्होंने कहा कि कम वोल्टेज के कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है, जिसके बारे में जल्द समाधान करवाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके बारे में हम लगातार हमारे उच्च अधिकारियों किसानों की समस्या से अवगत करवा रहे हैं।