राजस्थान में तेंदुए का खौफ, उदयपुर में हमले के बाद अब झुझुनूं-नीमकाथाना में भी दिखा तेंदुआ

इन दिनों राजस्थान में तेंदुए का खौफ छाया हुआ है. उदयपुर में आदमखोर तेंदुए का आतंक खत्म नहीं हुआ कि अब नीमकाथाना और झुंझुनू में तेंदुए की गतिविधियों से लोग दहशत में हैं. वन विभाग और प्रशासन तेंदुओं को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं. 

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Rajasthan Leopard Attack: राजस्थान में इन दिनों तेंदुए के खौफ में लोग जी रहे हैं. इन दिनों उदयपुर के आदमखोर तेंदुए का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब नीमकाथाना और झुंझुनू जिलों में तेंदुए की गतिविधियों से लोगों में दहशत फैल गई है. इन इलाकों में लगातार वन विभाग और प्रशासन की ओर से तेंदुओं को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन तेंदुए के आतंक से स्थानीय लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

झुंझुनू में तेंदुए का आतंक

झुंझुनू के गुढ़ागौड़जी कस्बे में तेंदुए के आने से स्थानीय लोग खौफ में हैं. रविवार को तेंदुआ स्टेट हाइवे पर हुकूमपुरा रोड पर देखा गया, जहां यह सड़क पर दौड़ता हुआ सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया. वाहन चालकों ने तेंदुए को देखकर अपनी गाड़ियों के अचानक ब्रेक लगाए, जिससे तेज आवाजें गूंजने लगीं. तेंदुआ घबरा कर पास की दीवार और तारबंदी को फांदते हुए बाजरे के खेत में घुस गया. पास ही एक स्कूल था, लेकिन रविवार के चलते स्कूल बंद था, जिससे हड़कंप नहीं मचा.

नीमकाथाना में तेंदुए की दहशत

नीमकाथाना के डोकन गांव में भी तेंदुए का खौफ फैला हुआ है. बागेश्वर मंदिर के पास दो तेंदुओं का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो शनिवार का है, जब ग्राम पंचायत डोकन के सरपंच बलराम गिराटी मंदिर गए थे और वहां इन तेंदुओं को देखा गया. मंदिर के पुजारी ने बताया कि तेंदुए अक्सर इस क्षेत्र में दिखाई देते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है, जिससे वे अक्सर आबादी वाले इलाकों में भी आ जाते हैं.

उदयपुर में आदमखोर तेंदुए की तलाश

उदयपुर के गोगुंदा इलाके में एक आदमखोर तेंदुआ पांच दिनों से आतंक मचाए हुए है. इस तेंदुए ने बुधवार रात एक 16 वर्षीय युवक को शिकार बना लिया था और अगले दिन एक अन्य व्यक्ति पर हमला कर दिया, जिससे उनकी भी मौत हो गई. गोगुंदा की पहाड़ियों में करीब 20 किलोमीटर के क्षेत्र में प्रशासन और वन विभाग की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन अभी तक तेंदुए को पकड़ा नहीं जा सका है.

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स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण तेंदुए की तलाश में जुटे हुए हैं, जबकि प्रभावित परिवार मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी कानूनों के कारण वे अपनी ओर से तेंदुए का शिकार नहीं कर सकते, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है.

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