Cyber Crime: अब अपनों के बीच भी सुरक्षित नहीं रहेंगे साइबर ठग, पंचायत ने सुना दिया कड़ा फरमान

'ऑपरेशन एंटीवायरस' के तहत राजस्थान पुलिस ने हाल ही में मेवात क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.36 लाख संदिग्ध सिम और 2.29 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक कर दिए हैं. इस फैसले के कारण मेवात क्षेत्र से होने वाले साइबर अपराध में भारी कमी आई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: देश में साइबर ठगी (Cyber Fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान समेत सभी राज्यों की पुलिस अलग-अलग नामों से ऑपरेशन्स चला रही है. इसके चलते अभी तक कई बड़ी कार्रवाई की गई हैं. मगर, ये वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसे में पुलिस के जागरूकता अभियान का राजस्थान में बड़ा असर हुआ है, जिसके तहत अब साइबर अपराधी अपनों के बीच ही सुरक्षित नहीं रह सकेंगे.

साइबर ठगी करने पर 1.11 लाख का जुर्माना

डीग जिले के गांव भीलमका में ग्रामीणों ने साइबर ठगी के विरूद्ध एक बड़ी पंचायत करके कड़ा फैसला किया है. उन्होंने एसपी राजेश कुमार मीणा और एडिशनल एसपी गुमनाराम को ज्ञापन सौंपते हुए अपने फैसले से अवगत कराया है. इस ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि, 'गांव भीलमका के सभी जिम्मेदार लोगों ने पंचायत करके सर्व सम्मति से साइबर ठगी करने वालों के विरुद्ध एक बड़ा कठोर निर्णय लिया है. अगर गांव में कोई भी साइबर ठगी करता पाया गया तो उस पर 1 लाख 11 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा और साथ में उसकी सूचना पुलिस को देकर गिरफ्तार करवा दिया जाएगा.' 

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साइबर ठग की सूचना देने पर 51 हजार का इनाम

इतना ही नहीं, 'गांव में साइबर ठगी करने वाले अपराधियों के बारे में जो भी सूचना देगा उसे 51 हजार रुपये इनाम के तौर पर देने का ऐलान किया गया है. ग्रामीणों ने विश्वास दिलाया है कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा. ग्रामीणों ने कहा है कि साइबर अपराध को रोकने के लिए वे पुलिस की हर संभव मदद करेंगे.' ग्रामीणों का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब साइबर ठगी की रोकथाम को लेकर डीग जिले की पुलिस गांव-गांव जाकर जागरूक अभियान चला रही है. इस दौरान लोगों को जागरुक करते हुए बताया जा रहा है कि वे इस अपराध को छोड़कर शिक्षा की ओर अपने बच्चों को आकर्षित करें, जिससे आपके क्षेत्र का विकास और नाम हो सके.

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मेवात को कहा जाता है 'राजस्थान का जामताड़ा'

राजस्थान के मेवात क्षेत्र को साइबर ठगों का अड्डा माना जाता है. कुछ लोग इसे राजस्थान का 'जामताड़ा' भी कहते हैं. यहां के कई गांव ऐसे हैं जहां बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक साइबर ठगी के काम में शामिल पाए गए हैं. इन्हें पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने 'ऑपरेशन एंटीवायरस' चला रखा है. इसके तहत अब तक कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि कई अपराधियों के ठगी की कमाई से बनाए गए मकानों पर भी बुल्डोजर चलाया गया है. मगर, अधिकतर अपराधी ठीग करने के बाद पहाड़ों में जाकर छिप जाते हैं, जिस कारण ये वारदातें नहीं रुक रही हैं.

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