Rajasthan: बारूदी बम से मछली पकड़ रहा था मछुआरा, फटा और क्षत-विक्षत हो गया हाथ 

वर्तमान में मछलियों का प्रजनन काल चल रहा है, जिसके चलते जलाशयों में मछली पकड़ने पर रोक लगी होती है. बावजूद इसके कुछ लोग चोरी-छिपे बारूदी बम जैसे घातक तरीकों से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं.

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Banswara News: जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडोला गांव में बुधवार को मछली पकड़ने के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. गांव के पास स्थित तालाब में मछली पकड़ने गए युवक के हाथ में बारूदी बम फट गया. धमाका इतना भीषण था कि युवक कैलाश पुत्र शांतिलाल (उम्र करीब 30 वर्ष) का हाथ बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आईं.

परिजन व ग्रामीणों ने घायल अवस्था में कैलाश को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे उदयपुर रेफर कर दिया. डॉक्टरों के अनुसार घायल की हालत चिंताजनक बनी हुई है.

अवैध बारूदी बम से होती है मछली शिकार

सुत्रो के अनुसार सामने आया है कि तालाब में मछली मारने के लिए अवैध रूप से बारूदी टोटा (क्रूड बम) का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी दौरान बारूदी बम युवक के हाथ में ही फट गया, जिससे यह हादसा हुआ. मछलियों की अधिकता वाले स्थानों पर बारूदी विस्फोटक फोड़कर मछलियों को मारा जाता है और फिर उन्हें तालाब से निकाला जाता है. यह न सिर्फ पूरी तरह गैरकानूनी है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है.

प्रजनन काल में भी नहीं रुकती अवैध गतिविधियां

वर्तमान में मछलियों का प्रजनन काल चल रहा है, जिसके चलते जलाशयों में मछली पकड़ने पर रोक लगी होती है. बावजूद इसके कुछ लोग चोरी-छिपे बारूदी बम जैसे घातक तरीकों से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं. यह न केवल पर्यावरण और जलीय जीवन के लिए नुकसानदेह है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है.

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पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें मछली पकड़ने के दौरान बारूदी बम फटने से लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और कुछ मामलों में मौतें भी हुई हैं. इसके बावजूद प्रशासन और मत्स्य विभाग की ओर से इस पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है.

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