
Naresh Meena: जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा लगातार सुर्खियों में हैं. मीणा ने कहा है कि वो प्रह्लाद गुंजल का अहसान कभी नहीं भूलेंगे। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लोगों पर आरोप लगाया है कि जेल में उन पर समझौता करने का दबाव बनाया गया है.
उन्होंने कहा, '' दुनिया में नेताओं पर भरोसा करना आसान नहीं है, लेकिन गुंजल साहब पर मुझे पूरा विश्वास है. उन्होंने जिस तरह से मेरा साथ दिया, वैसा साथ कोई नहीं दे सकता. जिस दिन अमित शाह कोटा आए थे, उसी दिन मेरे पास भी मंत्री बनने का ऑफर आया था, कहा गया कि अभी कैबिनेट मंत्री बनवा देते हैं, नरेश, लाल बत्ती तैयार है, अगला टिकट पक्का है, बस अमित शाह के साथ जुड़ जाओ. मैं चाहता तो मान लेता, लेकिन मेरा कोई समझौता नहीं हो सकता. नरेश मीणा झुक नहीं सकता.''
CM से समझौता बीजेपी में शामिल होने का नहीं था-नरेश
नरेश मीणा ने कहा, ''जो समझौता मेरे पिता जी का मुख्यमंत्री भजनलाल जी से हुआ था, वो आंदोलन खत्म करने के बदले मदद का वादा था, ये नहीं था कि नरेश मीणा बीजेपी में शामिल होगा.''
नरेश मीणा ने यह भी कहा कि कुछ लोग उनसे जेल में मिलने आये थे और उनसे 'अधीनता' स्वीकारने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा टोंक जेल में कुछ लोग मिलने आए थे, कहने लगे अधीनता स्वीकार कर लो, झुक जाओ, गुंजल को छोड़ दो, सबकुछ मिलेगा. फोटो पैसे से छपवा देंगे, नाम ऊंचा कर देंगे.''
''लेकिन ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे अब नरेश मीणा को आंदोलनों, धरनों, प्रदर्शन से दूर रहना चाहिए. मेरे लिए तो व्यापार, पैसा, और संपत्ति देने तैयारी की जा रही थी, लेकिन मैंने तब भी साफ कहा, मैं झुकूंगा नहीं, क्योंकि झुकना मैंने सीखा ही नहीं.''
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