
Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बदले जाने वाले बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कमेंट किया है. अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह की खबरें आ रही थी, उसे लेकर उन्होंने कैजुअल बयान दिया था. सीएम बदलाव की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा, "मैंने भी सुना था कि 2-4 राज्यों में बीजेपी मुख्यमंत्री बदल सकती है. मैंने इस पर एक कैजुअल कमेंट कर दिया था, लेकिन मैंने ऐसा कोई षड्यंत्र करते नहीं देखा."
"BJP की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई"
गहलोत ने स्पष्ट किया कि भाजपा के भीतर क्या चल रहा है, यह तो वही जाने. लेकिन किसी राज्य में सरकार बने सिर्फ डेढ़ साल हुए हों, और फिर भी मुख्यमंत्री बदला जाता है तो यह राज्य के हित में नहीं होता. हालांकि भाजपा की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
गहलोत ने 24 जून को दिया था बयान
24 जून को जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मैं लगातार नसीहत देता हूं कि वे सचेत रहें. उनके खिलाफ जयपुर से लेकर दिल्ली तक मुख्यमंत्री पद से हटाने की साजिश हो रही है. गहलोत ने कहा था कि वे चाहते हैं, भजनलाल शर्मा का कार्यकाल ठीक चले इसलिए वे समय-समय पर उन्हें सावधान कर रहे हैं. गहलोत के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी थी और भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा करार दिया था.
गहलोत के पूर्व ओएसडी ने दी प्रतिक्रिया
गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल के खिलाफ इनकी पार्टी के लोग लग चुके हैं, दिल्ली में भी और राजस्थान के अंदर भी, भयंकर षडयंत्र चल रहा है इनको हटाने का ये समझ नहीं पा रहे हैं. पिछले दिनों खबरों में आने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने जोधपुर में इतने कॉन्फिडेंस से ये बिना सिर-पैर का बयान दिया था, जैसे हटाने वालों ने इन्हें फोन करके बताया हो..!!
"जबरन मीडिया को लेकर बैठ गए"
आज उसी बयान को "कैजुअल कमेंट" कह दिया..!! अस्तित्व को बचाए रखने, स्वयं को बनाए रखने और मीडिया अटेंशन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री आदतन बयानबाजी और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डालते हैं, और आज भी जबर्दस्ती बिना किसी सामान के मीडिया को लेकर बैठ गए...!!
"गहलोत के बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए"
लोकेश ने कहा कि और नसीहतें भी ऐसी देते हैं कि 'मैनेज करते आज तो मुख्यमंत्री या सरकार के ख़िलाफ़ न्यूज नहीं आती' यानी सरकार के ख़िलाफ़ नकारात्मक और प्रदेश के हालात दिखाती ख़बरों को "मैनेज" करो..!! जो खुद ने 5 साल किया और करवाया. मेरा मानना है कि अब गहलोत जी की बयानबाजी, प्रेसवार्ता और कमेंट्स पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्यूंकि "मेरे हर शब्द के मायने होते हैं और मैं सोच-समझके बोलता हूँ" ऐसा बोलने वाले की बात अब "कैजुअल" होती है. आज खुद ने ही ये स्पष्ट बता दिया है...!!
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