Rajasthan: सावन में यहां मछल‍ियां करती हैं महादेव की पर‍िक्रमा, 6 महीने तक भक्‍त नहीं कर पाएंगे दर्शन

Rajasthan: उदयपुर के चंद्रेश्वर महादेव मंदिर बहुत ही चमत्‍कार‍िक है. यहां के लोग भगवान भोलेनाथ को न्याय के देवता के रूप में भी पूजते है.

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चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में मछलियां शिवलिंग के चारो तरफ परिक्रमा करती हैं.

Rajasthan: उदयपुर के झाड़ोल से करीब 10 किमी दूर चंदवास स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में सावन महीने में मछलियां भोलेनाथ की पर‍िक्रमा करती हैं. इस क्षेत्र के लोग महादेव को सच्चाई के देवता के रूप में पूजते हैं. यह मंदिर मानसी वाकल बांध के डूब क्षेत्र में बना है. मानसून के दिनों में बांध में पानी बढ़ जाता है, तो मंदिर का हिस्सा भी डूबने लगता है. इस बार भी मंदिर के गर्भ गृह में पानी भर गया है.

परिक्रमा करती हैं मछलियां 

गर्भगृह में मछल‍ियां श्रद्धालुओं की तरह तैरती हुई पर‍िक्रमा करती नजर आती हैं. साल 2005 से पहले तक मंदिर में पानी नहीं आता था. इसके बाद बांध का निर्माण हुआ. बारिश के दिनों में बांध में पानी आता है, तो मंदिर जलमग्न हो जाता है. शिवरात्रि के आसपास बांध खाली होता है, तब मंदिर फिर से बाहर आ जाता है.

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चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में भरा पानी.

बांध ओवरफ्लो होने पर डूब जाता है मंदिर 

बांध ओवरफ्लो होने पर मंदिर का अधिकांश भाग पानी में डूब जाएगा. श्रद्धालु करीब 6 महीने तक शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पाएंगे. इस इलाके में किसी भी प्रकार की चोरी या कोई क्राइम हो जाता है, तो शक के आधार पर लोगों को सौगंध खिलाया जाता है. श‍िवल‍िंग पर हाथ रखकर झूठी सौगंध खाने वाले को भोलेनाथ सजा देते हैं. ऐसी लोगों की मान्‍यता है. भगवान भोलेनाथ को न्‍याय के देवता के रूप में भी पूजते हैं.

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