Rajasthan News: देशभर में इस बार मानसून कई रंगों में नजर आ रहा है, लेकिन राजस्थान में बादल कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं. भारत मौसम विभाग (IMD) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में इस साल अब तक सामान्य से 116 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है. यह न सिर्फ राज्य के लिए रिकॉर्ड स्तर की बारिश है, बल्कि इससे आम जनजीवन पर भी गहरा असर पड़ा है. खासकर कोटा, अजमेर और पुष्कर जैसे क्षेत्रों में, जहां कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और स्कूलों तक को बंद करना पड़ा है.
कोटा-पुष्कर में हालात गंभीर
शुक्रवार को हुई मूसलधार बारिश ने राजस्थान के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. कोटा में कोटा बैराज के गेट खोलने पड़े, जबकि पुष्कर में घंटों हुई बारिश से बाजारों और घरों में पानी घुस गया. सांगोद (कोटा) में सर्वाधिक 17 सेमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में 11 सेमी बारिश हुई.
कई जिले रेड और ऑरेंज अलर्ट पर
आईएमडी ने अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, टोंक, पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही, उदयपुर, नागौर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है. जबकि बांसवाड़ा, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, करौली, सीकर, जालोर, जोधपुर के लिए येलो अलर्ट जारी है. इन अलर्टों का मतलब है कि कि प्रशासन को सतर्क रहना होगा और राहत कार्यों के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि कई क्षेत्रों में जलभराव के कारण आवागमन बाधित हो रहा है.
देश में सामान्य से 9% अधिक बारिश
राजस्थान के साथ-साथ झारखंड और लद्दाख में भी बहुत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. झारखंड में सामान्य से 71% अधिक (595.8 मिमी बनाम सामान्य 348.9 मिमी) बारिश हुई है. जबकि लद्दाख में सामान्य से 97% अधिक (15.8 मिमी बनाम सामान्य 8 मिमी) बारिश हुई है. देशभर की बात करें तो भारत में 1 जून से 16 जुलाई तक 331.9 मिमी बारिश हुई है, जबकि इस अवधि की सामान्य बारिश 304.2 मिमी होती है. यानी पूरे देश में औसत रूप से 9% अधिक बारिश हुई है. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यह बारिश समान रूप से नहीं हुई है.
कृषि पर मानसून का असर
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है तथा सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है. ऐसे में इस साल मानसून की स्थिति सीधे-सीधे खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करेगी. आईएमडी के अनुसार, इस बार जून-सितंबर के बीच लॉग टर्म एवरेज बारिश का 106% तक होने का अनुमान है, जो कृषि क्षेत्र के लिए राहत की खबर हो सकती है, यदि बाढ़ और अत्यधिक वर्षा से फसलें प्रभावित न हों. इस औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य' माना जाता है.
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