Rajasthan News: राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने रविवार को रणथंभौर के दौरे पर रहे. यहां पर उन्होंने रणथंभौर टाइगर रिज़र्व का दौरा कर व्यवस्थाओं को जायजा लिया. साथ ही वन अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. रणथंभौर दौरे के दौरान वन मंत्री ने बिना किसी को जानकारी दिए आम पर्यटक की तरह ऑनलाइन टिकट बुक की और एक आम पर्यटक की भांति रणथंभौर में टाइगर सफारी का अनुभव लिया. उन्होंने तत्काल शेयरिंग स्लॉट में टिकट का भुगतान किया और फिर टोपी, चश्मा और मास्क लगाकर दूसरी पारी में रणथंभौर में सफारी की.
3 घंटे तक जंगल में घूमते रहे वन मंत्री
वन मंत्री संजय शर्मा ने रणथंभौर के जोन नंबर तीन में पूरे तीन घंटे तक घूमकर जंगल और व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने पार्क के प्रबंधन, गाइड व्यवस्था, वाहन संचालन और पर्यटकों की सुविधा का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया. उन्होंने सफारी के दौरान मौजूद पर्यटकों से भी बातचीत की और उनसे सफारी अनुभव को लेकर सुझाव मांगे.
सफारी के दौरान वन विभाग को मंत्री की मौजूदगी की कोई जानकारी नहीं थी. अधिकारियों और कर्मचारियों को तब पता चला जब मंत्री ने सफारी पूरी करने के बाद अपनी पहचान उजागर की. वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि वे आम सैलानी की नजर से व्यवस्था की वास्तविकता देख सकें. उन्होंने सफारी के दौरान कमियां भी देखीं, जिस पर तुरंत एक्शन लेने की बात कही जा रही है.
गश्ती वाहन न मिलने पर भड़के मंत्री
टाइगर सफारी के दौरान जंगल में वन विभाग का गश्ती वाहन नहीं मिलने पर वन मंत्री ने नाराजगी जताई और वनकर्मियों से कहा कि इस तरह से कैसे होगी बाघों की मॉनिटरिंग , वन विभाग की एक भी गाड़ी जंगल में नहीं दिखी. पार्क भ्रमण पर आने वाले सैलानी भी भगवान भरोसे हैं. वन मंत्री ने वनकर्मियों से कहा कि अपने अधिकारियों को सर्किट हाउस भेजो. मैं उनसे बात करता हूं. इस दौरान वन मंत्री ने बाघों की मॉनिटरिंग को लेकर विशेष ध्यान देने का वन अधिकारियों को निर्देश दिए.
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