Ashok Gehlot: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के युवाओं की आवाज उठाई. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रदेश का युवा बेरोजगारी भत्ते, रोजगार, राजीव गांधी युवा मित्र बहाली भर्तीयों की घोषणा जैसे मुद्दों पर धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं. लेकिन, सरकार के दबाव में प्रशासन उन्हें अनुमति नहीं दे रहा है. धरने प्रदर्शन के लिए आरक्षित शहीद स्मारक से भी उन्हें बार-बार बल प्रयोग कर भगा दिया जाता है जो की उचित नहीं है."
"शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन जनता का अधिकार है"
गहलोत ने लिखा, "लोकतंत्र में अपने हक के लिए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करना जनता का अधिकार है. उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य है. मैं सरकार और पुलिस प्रशासन से आग्रह करता हूं कि इस तरह की लोकतांत्रिक कार्य प्रणाली ना अपने एवं जनता को उनका लोकतांत्रिक प्रदान करें.
सोशल मीडिया पर यूजर ने किया कमेंट
यूजर @SARITA_BISHNOI2 ने लिखा, "जादूगर आपको राजस्थान के बेरोजगार याद कर रहे हैं." यूजर @sumer_singh_iyc ने लिखा, "भजन लाल सरकार युवा मित्रों को बहाल करो." यूजर @AvPakad ने लिखा, "लोग आपकी सरकार को ही याद करने लग गए बस पेपर लीक नहीं होते तो राजस्थान में भजनलाल को झेलना नहीं पड़ता !"
5 हजार राजीव गांधी युवा मित्रों की भर्ती हुई थी
कांग्रेस सरकार के समय 5000 राजीव गांधी युवा मित्रों की भर्ती की गई थी, जो कि ग्रामीण स्तर पर सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का काम करते थे.
भाजपा सरकार ने युवा मित्रों के पद खत्म कर दी
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनते ही 5000 राजीव गांधी युवा मित्रों के पद खत्म कर दिए, जिससे कि युवाओं ने नाराजगी दिखाते हुए बीते दिनों प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों में धरना-प्रदर्शन किया. इसके बाद भी अब तक उनकी बहाली नहीं की गई है.
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