अजमेर में जमीन विवाद से जुड़े एक गंभीर मामले में पूर्व IAS अधिकारी और तत्कालीन संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. किरानीपुरा स्थित खसरा नंबर 2427 के दस्तावेजों में कथित काटछांट किए जाने के आरोप में परिवादी दीपक चौहान ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या–3, अजमेर की अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी पूर्व IAS अधिकारी महेश चंद्र शर्मा को नोटिस जारी कर तलब करने के आदेश दिए हैं. साथ ही न्यायालय ने परिवाद को विधिवत दर्ज करने के भी आदेश पारित किए हैं.
पूर्व लोक सेवक की भूमिका पर विचार
कोर्ट के आदेश के अनुसार, लोक सेवक द्वारा दिए गए भ्रामक कथनों और दस्तावेजों में की गई काटछांट की गंभीरता से जांच की जाएगी. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील कुमार पंवार ने बताया कि यह मामला पिछले 2 वर्षों से कोर्ट में विचाराधीन है. आरोप है कि कोर्ट रिकॉर्ड से जुड़े दस्तावेजों में पूर्व आईएएस अधिकारी ने जानबूझकर संशोधन और काटछांट की, जिससे मामले की दिशा प्रभावित हुई. अब कोर्ट ने इस मामले पर विधिक परीक्षण का रास्ता खोल दिया है.
पूर्वजों की जमीन पर अवैध कब्जा
परिवादी दीपक चौहान का आरोप है कि उनके पूर्वजों की जमीन पर चंपा देवी नामक महिला ने फर्जी और नकली दस्तावेज तैयार कर जबरन कब्जा कर लिया था. इसी जमीन विवाद के दौरान परिवादी ने कोर्ट में शिकायत दी थी, जिसमें पूर्व IAS अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाए गए.
12 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
अब आरोपी को नोटिस जारी होने के बाद दीपक चौहान को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को तय की है. अजमेर में यह मामला इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि इसमें एक उच्च पदस्थ पूर्व प्रशासनिक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं.
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