Rajasthan Result: 4 महीने पुरानी आदिवासी पार्टी BAP ने दक्षिणी राजस्थान किया फ़तेह, राजकुमार रोत को मिली बड़ी जीत

Rajasthan Election Result 2023: चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि बीटीपी से अलग होकर बनी बीएपी ने अपने आप को आदिवासी वोटों का असली हकदार साबित किया है. पार्टी इस बार 27 सीटों पर चुनाव लड़ी. पार्टी ने 3  सीटें जीती है.

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Rajasthan Election Result 2023: भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत.

Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी ने 3 सीटें जीतकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. पार्टी 27 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसमें से 3 सीटें जीत ली हैं. भारतीय आदिवासी पार्टी ने आसपुर से उमेश मीणा ने क़रीब 28 हज़ार मतों से जीत दर्ज की हुई वहीं धरियावद से थावर चंद और चौरासी से राजकुमार रौत ने भी जीत दर्ज की है. चौरासी सीट पर तो राजकुमार रौत ने 69 हज़ार वोटो से जीत दर्ज की है. यह जीत अब तक प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. 

राजस्थान में आदिवासी आबादी करीब 14% है. सत्ता तक पहुंचने के लिए यह वोट बैंक अहम है. एक वक्त था जब इस वोट बैंक पर भाजपा और कांग्रेस की ही नजर रहती थी लेकिन पिछले चुनाव से स्थितियां बदल गयी हैं.

2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राजस्थान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. तब पार्टी ने 2 सीटें जीती थी और कई सीटों पर भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ा था. आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर, बांसवाड़ा में पार्टी को जबरदस्त समर्थन मिला.

2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राजस्थान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. तब पार्टी ने 2 सीटें जीती थी और कई सीटों पर भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ा था. आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर, बांसवाड़ा में पार्टी को जबरदस्त समर्थन मिला.

हालांकि 2020 आते-आते पार्टी में टूट हो गई और विधानसभा चुनाव में बीटीपी से अलग होकर एक नई पार्टी भारत आदिवासी पार्टी का उदय हुआ. तब कई राजनीतिक विश्लेषक यह कह रहे थे कि इस टूट के बाद आदिवासी इलाके में फिर से भाजपा और कांग्रेस ही आमने-सामने रहेंगे. आदिवासी पहचान की राजनीति करने वाली पार्टियों को झटका लगेगा. 

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लेकिन चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि ऐसा नहीं हुआ. बीटीपी से अलग होकर बनी बीएपी ने अपने आप को आदिवासी वोटों का असली हकदार साबित किया है.

पार्टी इस बार 27 सीटों पर चुनाव लड़ी. पार्टी ने 3  सीटें जीती है.वहीं बीटीपी का प्रदर्शन काफी बुरा रहा है. पार्टी का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता.  इससे यह साबित हुआ है कि आदिवासी इलाके में बीटीपी नहीं बल्कि बीएपी ही असली ताकत के रूप में उभरी है.

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