Mukesh Postasge Stamp: देश के मशहूर गायक मुकेश की 100वीं जयंती 24 जुलाई को मनाई गई. इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनका स्मारक डाक टिकट जारी किया. महान गायक मुकेश को याद करते हुए शेखावत ने कहा कि किसी फनकार के लिए इससे बड़ा सौभाग्य नहीं हो सकता कि उसके जाने के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी उसके प्रशंसकों की संख्या नित्य-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
सजन रे झूठ मत बोलो.. गाना भारत का दर्शन
आकाशवाणी केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में शेखावत ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि अमरत्व अगर कुछ है तो वो यह है कि आपके जाने के बाद में भी उतनी संख्या में लोग आपके साथ में जुड़े रहें. ऐसे अमर गायक थे मुकेश जी. मुकेश जी का गाना 'सजन रे झूठ मत बोलो...' यह भारत के लिए केवल गाना नहीं था, यह भारत का जो दर्शन है, उस दर्शन का प्रदर्शन था. जिस तरह से उन्होंने उस क्लासिकल इरा ऑफ इंडियन बॉलीवुड म्यूजिक में जो आवाज दी, वो आवाज एक सामान्य मानवी की आवाज थी.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, उनकी आवाज से सामान्य आदमी कनेक्ट करता था. अपना जुड़ाव महसूस करता था. वही जो उनकी थाती थी, उसी ने उनको हमेशा-हमेशा के लिए अमर बना दिया. उन्होंने कहा कि फिल्मों के गानों से आगे भी बढ़कर रामचरितमानस और सुंदरकांड उन्होंने गया, मुझे लगता है कि आज इतने वर्ष बीत भी जाने के बाद में भी हजारों-हजार घर हिंदुस्तान में ऐसे होंगे. जिनमें मुकेश जी का वो सुंदरकांड रोज सुबह बजता होगा.
गजेंद्र सिंह शेखावत का मुकेश से जुड़ाव
गायक मुकेश को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैं छोटा था, तब ज्यादा नहीं समझता था. उस समय मैंने पिताजी को मुकेश जी के गाने सुनते हुए देखता था. लेकिन जब मैं कॉलेज में आया, तब 'ओ महबूबा' गाना हम भी जोर-जोर से गाते थे. जब शादी हो गई, तब गाना 'चांद सी महबूबा हो मेरी' गाते थे. लेकिन जब हम कॉलेज में पढ़ते थे. उस समय मुकेश जी से ज्यादा अगर किसी के गाने सुनते थे तो वो नितिन मुकेश जी को सुना करते थे. फिल्म क्रांति का गाना 'जिंदगी के न टूटे लड़ी' और वो गाना सुन-सुन कर हम सब लोग बड़े हुए. मेरे लिए सौभाग्य का विषय है कि आज हम सब लोगों के बीच में नितिन जी भी उपस्थित हैं. कार्यक्रम में गायक मुकेश के पुत्र नितिन मुकेश समेत पूरा परिवार उपस्थित रहा.
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