Rajasthan News: राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 महीनों में लिए गए फैसलों की समीक्षा की प्रक्रिया एक बार फिर आगे खिसक गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी ने अब विभागों को दो महीने का समय देकर अपने स्तर पर फैसलों की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है.
मंगलवार को सचिवालय में हुई कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी विभाग सितंबर के पहले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट भेजें. इसके बाद कैबिनेट सब कमेटी इन रिपोर्टों के आधार पर सरकार को अपनी सिफारिशों सहित फाइनल रिपोर्ट सौंपेगी. ऐसे में अब पूरी प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत तक खिंच सकती है.
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने बताया कि कुछ मामलों में विभागों को ही निर्णय लेने की छूट दी गई है. ऐसे सभी प्रकरण संबंधित विभागों को वापस भेज दिए गए हैं और उनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
कमेटी के सदस्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि खासतौर पर जमीन आवंटन से जुड़े मामलों की गहराई से समीक्षा की गई है. जिन प्रकरणों में लीज राशि जमा कर कब्जा लिया जा चुका है और प्रक्रियाएं नियमों के तहत पूरी हुई हैं. उन्हें अलग से सूचीबद्ध करने को कहा गया है. वहीं जिन संपत्तियों पर अब तक कब्जा नहीं लिया गया है या जिनमें अनियमितता की आशंका है उनकी अलग से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि गहलोत सरकार के अंतिम महीनों में हुई कई नियुक्तियों, स्थानांतरणों और भू-आवंटन से जुड़ी फाइलों को लेकर नई सरकार ने सवाल उठाए थे. इन्हीं विषयों की समीक्षा के लिए कैबिनेट स्तर पर यह सब कमेटी बनाई गई थी, जिसमें अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका है.
सरकार को अब सितंबर के पहले सप्ताह तक विभागीय रिपोर्टों का इंतजार है जिसके बाद ही सब कमेटी अंतिम निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी.
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