Rajasthan Politics: 'राजस्थान में चार इंजन की सरकार', डोटासरा बोले- सब एक-दूसरे को खींचने और फेल करने में लगे हैं!

Rajasthan Budget Session 2024: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को खूब हंगामा हुआ. इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बीजेपी के 'डबल इंजन' वाले नारे पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में डबल नहीं चार इंजन हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 'डबल इंजन' वाले बयान पर तंज कसा, जिससे प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया. उन्होंने कहा, 'राजस्थान में 'डबल नहीं, 'चार इंजन' की सरकार है. पहला इंजन- मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का है, दूसरा इंजन- ब्यूरोक्रेसी का है, तीसरा इंजन पूर्व मुख्यमंत्री और उनके खेमे का है, जबकि चौथा इंजन आरएसएस का है. ये सभी चार अलग-अलग दिशा में खींच रहे हैं. इंजन बैठने वाला है. धूं-धूं कर रहा है. आप चारो दिशा में खीचे हुए हो. आप कोई काम नहीं होने वाला है.'

'बजट में गरीब, दलित एवं पिछड़ों की बात नहीं' 

कांग्रेस नेता यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, '10 जुलाई को इस सदन में भजनलाल सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया, जिसमें ना तो गरीब, दलित एवं पिछड़ों की बात है, और ना ही कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य व सुशासन का जिक्र है. यहां तक ही अब सदन में गृह, शिक्षा, बिजली और पानी पर चर्चा करने पर भी रोक लगा दी गई है. मैं पूछना चाहता हूं कि यह सरकार क्या ही करेगी? क्या सिर्फ मेज ही थप थपाएगी? यह हम सब के लिए चिंता का विषय है. इसका मायने ये हैं कि जो पर्ची आ रही है उनमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों की पर्चियां सही नहीं आई हैं. यहां तक की जो निबंध उन्हें पढ़ने के लिए दिए गए हैं वो भी 360 डिग्री परीक्षण के बाद तैयार किए गए हैं.'

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'मुख्यमंत्री को समझ नहीं आ रहा प्रदेश'

डोटासरा ने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री को प्रदेश समझ नहीं आ रहा है, मंत्री को अपने विभाग और निबंध समझ नहीं आ रहे हैं, चीफ सेक्रेटरी को सीएमओ समझ नहीं आ रहा है, और सीएमओ को दिल्ली समझ में नहीं आ रही है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों का काम कौन करेगा? आज विधायक से मंत्री नहीं मिलता, मंत्री से मुख्यमंत्री नहीं मिलता, मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नहीं मिलता. यह लोग पंचायती राज के चुनाव नहीं करवा पा रहे हैं. इनको कुछ समझ में नहीं आ रहा, प्रदेश का भट्टा बैठाने में लगे हैं. मोदी की लाइनें लिखने से कुछ नहीं होगा. इनके बस में ही नहीं है कि पंचायती राज चुनाव और नगर निकाय चुनाव करवा दें. हार के डर से पंचायत चुनाव तक करा नहीं पाते और बजट में विजन बता रहे हैं 2047 का.'

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