विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि मंत्री खराबे वाले जिलों में नहीं जाकर कम नुकसान वाले इलाकों का सर्वे करवा कर लौट आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में चर्चा के दौरान अपने दफ्तर में जाकर बैठ जाते हैं और अतिवृष्टि पर सदन में चर्चा नहीं करवा रहे हैं. जूली ने कहा कि किसानों को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है लेकिन सरकार दो ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा की राहत नहीं दे पाई. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार मीटिंग मीटिंग खेल रही है, आंख–मिचौली कर रही है, जबकि मंत्रियों और सचिवों की रिपोर्ट के आधार पर तुरंत राहत पैकेज जारी करना चाहिए.
"जनहित के मुद्दों से घबरा गई सरकार"
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार कांग्रेस के जनहित के मुद्दों से घबरा गई है. सदन में सवाल पूछने नहीं दिए जा रहे हैं और सदन की मर्यादा तार-तार हो रही है. जूली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का माइक बार-बार बंद कर दिया जाता है और स्पीकर मंत्रियों को बचाने का काम कर रहे हैं. उनका कहना था कि मंत्रियों को सवालों के जवाब तक नहीं आते इसलिए स्पीकर उन्हें बचाने का काम कर रहे हैं.
"चर्चा करने से बच रही सरकार"
उन्होंने कहा कि जब से विपक्ष जनता के मुद्दे उठा रहा है सरकार चर्चा से बच रही है. जूली ने आरोप लगाया कि कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने पर उन्हें जवाब तक मांगने नहीं दिया गया और गोलमाल जवाब दिए गए.
डेढ़ साल में चोरी के कई मामलों में नहीं खुलासा
उन्होंने खानपुर विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले डेढ़ साल में कई चोरी की वारदातें हुईं लेकिन बरामदगी सिर्फ 35 मामलों में और गिरफ्तारी 29 मामलों में ही हो पाई. अपराधियों को पकड़ने और बरामदगी का अनुपात केवल 30 से 35 फीसदी है.
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