Govt Land Scam: राजस्थान के अधिकारियों ने बेच दी 30 करोड़ की 111 बीघा सरकारी जमीन, मामला सामने आते ही मचा हड़कंप

Govt Land Scam: राजस्थान से एक और बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया है. घोटाले का आरोप सरकारी कर्मियों पर लगा है. मामला सामने आते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है.

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जमीन घोटाले के बारे में जानकारी देते कलक्टर.

Govt Land Scam in Rajasthan: बीते दिनों राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया था. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इलाके में तैनात SDM पर 2350 बीघा जमीन किसानों से कौड़ियों के भाव खरीदकर सोलर कंपनियों को करोड़ों में बेचने का आरोप लगा था. इस मामले की जांच अभी चल ही रही है कि प्रदेश से एक और जमीन घोटाले का मामला सामने आ गया है. इस बार जमीन घोटाले का मामला बांसवाड़ा जिले से सामने आया है. जहां के तहसीलदार, पटवारी और गिरदावर ने तीस करोड़ की सरकारी जमीन को बेच दिया. मामले की कहानी सामने आते ही हड़कंप मच गया है.  

दरअसल बांसवाड़ा के गढ़ी तहसील के तहसीलदार, पटवारी और गिरदावर पर आरोप है कि इन लोगों ने 30 करोड़ की 111 बीघा सरकारी जमीन लोगों को बेच दी. अब इन कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई हो रही है. साथ ही मामले में एसीबी भी जांच करेगी. 

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बेशकीमती सरकारी जमीन निजी लोगों के खाते में डाला

बताया गया कि तहसीलदार और पटवारियों ने मिलकर करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को निजी लोगों के खाते में डाल कर करीब तीस करोड़ रुपए का घोटाला किया. जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा इस घोटाले में शामिल सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही शुरू कर दी है.

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एनएच 927 ए के किनारे स्थित है जमीन

जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए के किनारे की बेशकीमती 111 बीघा सरकारी जमीन को सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों ने मिलीभगत करके दूसरे लोगों के नाम कर दिया. हाइवे किनारे जमीन की मार्केट रेट 25 से 30 लाख रुपए बीघा है. इस लिहाज से इन जमीनों की औसत कीमत करीब 30 करोड़ रुपए हैं.

बांसवाड़ा का गढ़ी तहसील, जहां के कर्मियों ने बेच की करोड़ों की सरकारी जमीन.

घोटाले के बाद अलग-अलग जगह करवाया ट्रांसफर

यह जमीन घोटाला जिले की गढ़ी तहसील के 3 पटवारी, 7 गिरदावर और तहसीलदार ने मिलकर वर्ष 2022 से लेकर 2023 तक करते रहे. अपना काम होने के बाद सभी ने अलग-अलग जगह ट्रांसफर करवा लिया. तहसीलदार केसर सिंह चौहान रिटायर्ड हो चुके हैं.

बांसवाड़ा कलेक्टर बोले- निलंबित करने की कार्रवाई शुरू, एसीबी भी करेगी जांच

मामले में बांसवाड़ा के कलेक्टर डॉ इंद्रजीत सिंह यादव ने बताया कि घोटाले की जानकारी जिला प्रशासन को होने पर इसकी जांच कराई गई. जिसमें तत्कालीन तहसीलदार सहित पटवारी और गिरदावर की भूमिका संदिग्ध पाई गई. जिस पर इन सभी को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू करते हुए इस प्रकरण को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज करने के लिए परिवाद दाखिल किया गया है.

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