दोस्तों से पैसे लेकर की थी सेना में जाने की तैयारी, मणिपुर में शहीद हुआ BSF जवान

मणिपुर में तैनात चित्तौड़गढ़ के सैनिक राधेश्याम गुर्जर मंगलवार रात मणिपुर में गोली लगने शहीद हो गए. राधेश्याम अपने दोस्तों से पैसे लेकर सेना में जाने की तैयारी किए थे.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
ग्रामीणों और अधिकारियों ने शहीद को दिया अंतिम विदाई

देश की सेवा का जज्बा लेकर सेना में गए किसान के बेटे राधेश्याम गुर्जर मणिपुर में मंगलवार रात गोली लगने से शहीद हो गए. राधेश्याम के शहीद होने की सूचना मिलने पर उनके घर और गांव में कोहराम मच गया. शहीद गुर्जर का पार्थिव शरीर प्लेन के जरिये इम्फाल, कोलकाता होते हुए बीती रात जयपुर लाया गया.

जयपुर से सड़क मार्ग होते हुए शुक्रवार दोपहर उनके पैतृक गांव नगरी पंहुचा जहां बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्प वर्षा कर जवान को अंतिम विदाई दी. शहीद गुर्जर को उनकी दो बेटियों ने अंतिम सलामी दी और 15 वर्षीय बेटे देवराज ने मुखाग्नि दी.

शहीद राधेश्याम गुर्जर जून 2022 में बीएसएफ की 163 वीं बटालियन में पदोन्नत हुए थे और बाद में हेड कांस्टेबल बन गये थे. मणिपुर से पहले वे जम्मू कश्मीर में तैनात थे. 

गांव में खेता करते हैं शहीद के पिता

शहीद राधेश्याम गुर्जर का जन्म एक जुलाई 1983 को गुर्जर खेड़ा में हुआ था. बीएसएफ जवान राधेश्याम गुर्जर के पिता भगवान लाल गुर्जर खेती बाड़ी का काम करते हैं. बीएसएफ में नौकरी से पहले पढ़ाई के साथ गांव में मजदूरी किया करते थे. बीएसएफ में वैकेंसी निकली तो गांव के ही दोस्तों ने भार्म भरने के पैसे दिए.

शहीद राधेश्याम गुर्जर

लोगों ने दी नम आंखों से विदाई

राधेश्याम गुर्जर की पार्थिव शरीर जयपुर से सड़क मार्ग होते हुए चित्तौड़गढ़ जिले की बस्सी क्षेत्र की नगरी ग्राम पंचायत के गुर्जर खेड़ा पहुंचा तो गांव गमगीन हो उठा और हर किसी की आंखे नम हो गईं. शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधि मौजूद रहे.

Advertisement

यह भी पढ़ें- वीरों की भूमि शेखावाटी में शहीदों की वीरांगनाएं भी रखती हैं करवा चौथ व्रत

Topics mentioned in this article