Rajasthan Politics: राजस्थान में साल 2021 में हुई SI भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की जा रही है. इसके लिए हनुमान बेनीवाल युवाओं के साथ मिलकर जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन काफी समय से चल रहा है. वहीं SI भर्ती परीक्षा रद्द करने को लेकर सरकार की कैबिनेट में भी चर्चा हुई है, हालांकि फैसला क्या लिया गया है इसकी जानकारी नहीं दी गई है. क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से अंतिम फैसला लेने को कहा है तो सरकार अब कोर्ट में इसका जवाब देगी. लेकिन राजस्थान में इस पर सियासत भी हो रही है.
शुक्रवार (23 मई) को शहीद स्मारक धरने स्थल पर कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे थे. उन्होंने SI भर्ती रद्द कराने को लेकर युवाओं को अपना समर्थन दिया है. हालांकि उस वक्त धरना स्थल पर हनुमान बेनीवाल मौजूद नहीं थे. लेकिन अब इसकी सियासी चर्चा शुरू हो गई है.
एक प्लेटफॉर्म पर बेनीवाल और मीणा
राजस्थान की राजनीति में एक समय पर साथ खड़े नजर आने वाले दो बड़े चेहरे डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल अब भले ही सियासी तौर पर दूर नजर आते हों, लेकिन बेरोजगारी और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता जैसे मुद्दों ने एक बार फिर दोनों के एजेंडे को एक प्लेटफॉर्म पर ला दिया है.
किरोड़ी लाल ने कहा लंबे समय से मैं भी कर रहा हूं मांग
शहीद स्मारक पर हनुमान बेनीवाल के SI भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर चलाए जा रहे धरने पर अचानक पहुंचे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने युवाओं से मुलाक़ात कर उनके संघर्ष को अपना समर्थन दिया. खास बात यह रही कि इस दौरान हनुमान बेनीवाल स्वयं धरना स्थल पर मौजूद नहीं थे, लेकिन किरोड़ी मीणा ने स्पष्ट कहा कि वे भी लंबे समय से इसी भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. मीणा ने युवाओं के साथ लम्बी बातचीत की और भर्ती रद्द करने की मांग पुरजोर ढंग से दोहराया.
क्या है राजनीतिक गलियारों में चर्चा
माना जा रहा है कि सरकार SI भर्ती को रद्द कर सकती है. क्योंकि किरोड़ी लाल मीणा भी इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन हनुमान बेनीवाल ने प्रदर्शन करने के बाद अगर सरकार का फैसला आता है तो माना जा रहा है कि बेनीवाल इसका श्रेय जरूर लेना चाहेंगे. ऐसे में लंबे समय से किरोड़ी लाल मीणा का संघर्ष फीका पड़ सकता है. क्योंकि मीणा ने सबसे पहले इसकी आवाज पुरजोर तरीके से उठाई थी. यानी बेनीवाल को पूरा श्रेय शायद मीणा नहीं ले जाने देंगे.
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