राजस्थान के कोटा शहर में एक पेड़ के तने से हनुमान जी एक प्रतिमा मिली है. यह खबर तेजी से फैल रही है. इसके बाद से इस प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. पेड़ के अंदर से हनुमान जी की प्रतिमा मिलने की घटना कोटा के रामद्वारा इलाके में रविवार, 7 दिसंबर को हुई. खबर के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन को सूचित किया तथा पुरातत्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है कि यह प्रतिमा सैकड़ों साल पुरानी है. अब जिस जगह यह प्रतिमा मिली है वहां हनुमान जी का एक भव्य मंदिर बनाने की मांग की जा रही है.
कैसे मिली हनुमान जी की प्रतिमा
कोटा के एक पुराने हिस्से में स्थित रामद्वारा परिस में लगभग 300 साल पुराना एक आश्रम है. वहां मौजूद एक संत ने बताया कि रविवार को वहां साफ़-सफाई की जा रही थी. इस दौरान किसी ने आग तापने के लिए एक सूखे पेड़ के पास अलाव लगा दिया. इससे पेड़ में आग लग गई और अंदर से एक मूर्ति दिखाई देने लगी.
लोगों ने इसके बाद आश्रम के संतों को सूचित किया जिन्होंने आग को बुझवाया और पुलिस तथा नगर निगम को जानकारी दी गई. इसके बाद प्रशासन ने एक आरा मशीन को बुलवाया और जब पेड़ को काटा गया तो उसके अंदर से हनुमान जी की एक प्रतिमा निकली. यह प्रतिमा पत्थर की है जो लगभग 3-4 फीट ऊँची है.
हनुमान जी की प्रतिमा मिलने के बाद श्रद्धालु पूजा के लिए आ रहे हैं
Photo Credit: NDTV
125 साल पुरानी हो सकती है प्रतिमा
हनुमान जी की प्रतिमा मिलने की की ख़बर फैलने के बाद रामद्वारा परिसर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने मूर्ति को एक अस्थायी टेंट के नीचे रखा और पूजा-अर्चना शुरू कर दी. इसके बाद से लगातार कोटा शहर और गांवों से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आ रहे हैं.
मौके पर मौजूद हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि पुरातात्विक विभाग की टीम ने भी प्रतिमा का मुआयना किया और उनका अनुमान है यह प्रतिमा लगभग सवा सौ साल पुरानी हो सकती है. पदाधिकारियों ने जिस स्थान पर प्रतिमा मिली है वहां एक मंदिर बनाने की मांग की है.
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