दुर्गापूजा के अंतिम दिन पूरे देश के साथ राजस्थान में भी जगह-जगह रामलीला मंचन के बाद रावण वध और रावण के पुतलने का दहन किया गया. अजमेर में भी विजयादशमी के मौके पर पटेल मैदान में कल, 3 अक्टूबर को रावण दहन कार्यक्रम हुआ. लेकिन इससे ठीक पहले रामजी की पालकी को लेकर वहां बड़ा हंगामा हो गया. इस दौरान मंदिर समिति के पदाधिकारी जब पालकी लेकर मुख्य गेट पर पहुंचे तो पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उन्हें रोक दिया. इसके बाद जमकर धक्का-मुक्की होने लगी और अफरा-तफरी मच गई. इसकी वजह से पालकी पर बैठे राम, लक्ष्मण और हनुमान भीड़ में फंस गए.
गोदी में उठाकर रामजी को कराया प्रवेश
इस हंगामे में एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ का वायरलेस सेट भी गिर गया. हालात बिगड़ता देख प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर हस्तक्षेप करना पड़ा. अजमेर के उपमहापौर नीरज जैन, भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी व अन्य पदाधिकारी भी वहां पहुंच गए. उन्होंने मंदिर समिति के सदस्यों और पुलिस प्रशासन के बीच समझाइश कर स्थिति को संभाला.
देखिए रामजी को कैसे गोद में उठाया
रामजी को गोद में ले जाते आयोजक
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हनुमानजी भीड़ में फंसे
विवाद बढ़ने पर समिति के सदस्यों ने रामजी का किरदार निभा रहे युवक को गोदी में उठाकर अंदर प्रवेश कराया. लेकिन, हनुमानजी का किरदार निभा रहे युवक भी धक्का-मुक्की में फंस गए.
हंगामे की वजह से रामजी की पालकी करीब सवा घंटे तक मंच पर ही रुकी रही. समिति के पदाधिकारी पुलिस की कार्यप्रणाली पर भड़क उठे. उनका आरोप था कि उन्हें गेट पर लंबे समय तक खड़ा रखा गया. हालांकि समझाइश के बाद पालकी को प्रवेश की अनुमति मिल गई और मामला शांत हो गया.
रावण दहन के बाद दोबारा विवाद
रावण वध के बाद भी मंच के पास एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई, लेकिन आयोजकों और अधिकारियों ने बीच मैदान में जाकर समिति पदाधिकारियों से बातचीत की. करीब आधे घंटे की वार्ता के बाद युवाओं की टोली ने माहौल को शांत किया और जय श्रीराम के जयकारों के साथ पालकी उठाई. इसके बाद रात करीब 9 बजे मंदिर समिति के पदाधिकारी पालकी को लेकर मंदिर लौट गए.
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