हनुमानगढ़ की नाबालिग बहनों के साथ 40 दिन तक गैंगरेप के मामले ने पकड़ा तूल, दलित समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस धक्का मुक्की के दौरान अस्पताल पहुंची एक गर्भवती महिला को भी चोट लगने की बात सामने आई. वहीं टाउन थाना अधिकारी रामचंद्र कसवां के भी हाथ के अंगूठे के पास मामूली चोट आई, जिसके बाद पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांति पूर्वक प्रदर्शन करने की नसीहत दी गई.

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Rajasthan News: हनुमानगढ़ जिले के संगरिया क्षेत्र के गांव की नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म की आशंका के मामले में ग्रामीण और कई सामाजिक संगठनों ने हनुमानगढ़ टाउन स्थित जिला चिकित्सालय के सामने धरना लगाकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं, इस प्रदर्शन के दौरान तेज बारिश आने के चलते प्रदर्शनकारी सिर पर गद्दे ढककर अस्पताल परिसर में दाखिल हो गए और पुलिस चौकी में जबरन घुसने का प्रयास करने लगे. जिससे मौके पर मौजूद टाउन सीआई रामचंद्र कसवां और एक अन्य पुलिस कर्मी द्वारा भीड़ को रोके जाने से तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई और जमकर धक्का मुक्की भी हुई. 

गर्भवती महिला को लगा धक्का

इस धक्का मुक्की के दौरान अस्पताल पहुंची एक गर्भवती महिला को भी चोट लगने की बात सामने आई. वहीं टाउन थाना अधिकारी रामचंद्र कसवां के भी हाथ के अंगूठे के पास मामूली चोट आई, जिसके बाद पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांति पूर्वक प्रदर्शन करने की नसीहत दी गई. वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि स्कूल से लौटते समय लापता हुई नाबालिग बहनें करीब 40 दिन तक गायब रहीं और मुकदमा दर्ज करवाने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाही नहीं हुई. जब लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया तब जाकर पुलिस हरकत में आई और दोनों बहनों को दस्तयाब किया गया. वहीं उनका आरोप है कि जो आरोपी है उनको गिरफ्तार नहीं किया गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दलित की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. अब वह आर पार की लड़ाई लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो उग्र प्रदर्शन भी करेंगे.

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'बयान होने के बाद आगे की कार्रवाई'

इस मामले में जांच अधिकारी एएसपी नीलम चौधरी के अनुसार, दोनों नाबालिग बच्चियों को बरामद कर लिया गया है और पूर्व में उनके परिजनों द्वारा पुलिस का सहयोग नहीं किया गया. इसके चलते लड़कियों के 164 व 161 के बयान नहीं हो पाए. अब वार्ता में परिजनों और संगठनों से सहमति बनी है. अब लड़कियों के बयान करवाए जाएंगे. उसके बाद में जो कानून सम्मत कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी.

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'अलग से एक जांच और कराई जाएगी'

वहीं वार्ता के लिए पहुंचे एएसपी मुख्यालय प्यारे लाल मीणा का कहना है कि पुलिस इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार जांच पड़ताल कर रही थी और दोनों बहनों को दस्तयाब किया जा चुका है. अब आगे की प्रक्रिया पीड़िताओं के बयानों के बाद शुरू होगी. हालांकि पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को इस मामले में राउंडअप कर लिया है और पीड़िता जो बयान देगी उसके मद्देनजर कानूनी प्रक्रिया के तहत और भी गिरफ्तारियां की जाएगी. वहीं धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों से वार्ता कर उनकी मांगों पर जांच करवाने को लेकर सहमति बन गई है. प्रदर्शनकारियों की मांग के अनुसार अलग से जांच के करवाई जायेगी और उसमे अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाही की जायेगी. वहीं अन्य मांगों को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा.

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6 सितंबर को बड़े आंदोलन की चेतावनी

मामले में प्रदर्शनकारियों से वार्ता के बाद सहमति बनने पर धरना देर शाम खत्म कर दिया गया और आरोपित पुलिस कर्मियों की जांच कर कार्रवाही नहीं करने पर 6 सितंबर को बड़ा आंदोलन करने की बात प्रदर्शनकारियों ने कही है. वहीं जिला अस्पताल में उपचाराधीन बहन को इलाज के बाद देर शाम छुट्टी दे दी गई है. दोनों बहनें अब वापस अपने घर तो पहुंच गई. वहीं अब पुलिस मामले की जांच शुरू कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने की बात कह रही है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बेटी को मजबूत करने के दावों के बीच समाज को कलंकित करने वाली इस तरह की घटनाओं पर कब स्थाई विराम लगा. सरकारें अपनी कथनी और करनी के फर्क को खत्म कर पाएगी.

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