Health department loan recovery: झुंझुनूं जिले में स्वास्थ्य विभाग 26 साल पुराने लोग वसूली के लिए जुट गया है. साल 1999 में दिए गए एक लोन के बदले ब्याज समेत 4 गुना से भी ज्यादा रकम वसूली जाएगी. सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने 65 एएनएम को वसूली नोटिस जारी किया है. ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद प्रदेश के 18 जिलों में लोन वसूली प्रकिया शुरू हो गई है. दरअसल, 16 साल पहले केंद्र सरकार की ओर से यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड योजना के तहत बिना ब्याज पर 15 हजार रुपए दिए गए थे. लेकिन उसे नहीं चुकाया गया है. अब इस लोन की ब्याज सहित वसूली की तैयारी है.
65 हजार से ज्यादा की राशि का करना होगा भुगतान
झुंझुनूं जिले की 65 एएनएम को अब करीब 65 हजार 693 रुपए अदा करने होंगे. झुंझुनूं सहित प्रदेश के 18 जिलों के सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि संबंधित एएनएम से इस राशि की वसूली हो. सीएमएचओ ने बताया कि विभागीय ऑडिट में यह मामला सामने आया है और अब संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार वसूली प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है.
मोपेड खरीदने के लिए दिया गया था लोन
दरअसल, यह लोन योजना उन दिनों चलाई गई थी, जब ग्रामीण इलाकों में महिला स्वास्थ्यकर्मियों की पहुंच बढ़ाने के लिए उन्हें व्यक्तिगत वाहन जैसे मोपेड की सुविधा दी जानी थी. इसके लिए 15 हजार रुपए का बिना ब्याज लोन दिया गया था, जिससे वे अपने स्तर पर मोपेड खरीद सकें. योजना का मकसद था कि ये एएनएम दूरदराज के गांवों तक टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की देखरेख और परिवार नियोजन जैसी सेवाएं पहुंचा सकें.
पिछले साल ही खुली फाइल
चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें कई एएनएम रिटायर्ड हो चुकी हैं और कुछ को याद तक नहीं कि उन्होंने कोई लोन लिया था. अब जब अचानक विभागीय नोटिस आया तो सब सकते में हैं. चिकित्सा विभाग की मानें तो यह मामला साल 2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट में उजागर हुआ, जिसके बाद ही इसकी फाइलें दोबारा खोली गईं. विभाग का कहना है कि लोन राशि चुकाई नहीं गई थी, इसलिए अब ब्याज सहित वसूली की जाएगी.
यह भी पढ़ेंः "लोग बहकर जा रहे हैं, कोई रोकने वाला नहीं है", बारिश से बिगड़े हालात पर जूली का बयान