Rajasthan Rain: राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है. वहीं मौसम विभाग ने हाल ही में पूर्वी राजस्थान के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. लेकिन इसके उलट पश्चिमी राजस्थान में बारिश नहीं होने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. पश्चिमी राजस्थान के जालोर जिले में किसानों को तो अब 'अकाल' का डर सताने लगा है. बताया जाता है कि साल 2023 में जालोर में 2 लाख से अधिक हैक्टेयर में विभिन्न प्रकार की फसलों बुआई हुई थी. लेकिन इस बार बारिश न होने की वजह से किसानों के खेत खाली नजर आ रहे हैं. साथ ही अब मवेशियों के चारे पर भी संकट मंडराने लगा है.
जालोर में पिछले साल जून 2024 में खूब बारिश हुई थी. लेकिन इस बार महज 38 MM बारिश हुई है. जबकि जुलाई महीने में एक बार भी बारिश नहीं हुई है. किसान बारिश के इंतजार में आसमान ताक रहे हैं. क्योंकि अगर बारिश नहीं हुई तो बुआई नहीं हो पाएगी और फसल नहीं हो पाएंगे तो अकाल की स्थिति बन जाएगी.
मानसून ने अब तक नहीं दी दस्तक
जालोर में प्री मानसून में महज 4-5 बार हल्की बारिश हुई थी. लेकिन इसके बाद जून में बारिश नहीं हुई. जबकि 1 जुलाई को मानसून आने की संभावना थी. लेकिन यहां जुलाई आधा महीने बीत गया है. लेकिन यहां मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी है. जालोर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई जिले अभी बारिश का इंतजार कर रहे है.
जालोर में बांधो की स्थिति
जालोर जिले का सबसे बड़े बांध बांकली में इस बांध की कुल क्षमता 6.40 मीटर है यानि 34.550 एमक्यूएम है. वर्तमान में इस बांध में 1.07 मीटर पानी की मौजूद है। इसी तरह बांडी सणधरा बांध में 2.30 मीटर पानी अभी मौजूद है। इस बांध की कुल भराव क्षमता 7.05 मीटर है. बीठन बांध में वर्तमान में 0.20 मीटर पानी मौजूद है. इस बांध की कुल भराव क्षमता 7.200 एमक्यूएम है. इसी तरह खेड़ा सुमेरगढ़ बांध की 3.50 मीटर भराव क्षमता के मुकाबले 0.90 मीटर पानी की मौजूद है.
जालोर में बारिश न होने से परेशान किसान सवाराम पुरोहित का कहना है कि हम लोग हल चलाने के लिए तैयार हैं, लेकिन बारिश में हो रही देरी परेशान कर रही है. बारिश के आभाव में हमारे खेत खाली पड़े हैं. बारिश नहीं होने से हमारे फसलों की रोपाई नहीं हो रही है साथ ही मवेशियों के लिये भी चारे का संकट है.
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